कोटा में सोलह श्रृंगार करके ठाठ बाट से निकली तीज माता की सवारी

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कोटा। श्रावणी तीज मेला आयोजन समिति के तत्वावधान में शनिवार को उमरावमल पुरोहित सभागार से तीज माता की सवारी के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। विशेष पुष्पों से सुसज्जित बग्गी में सोलह श्रृंगार से सजी धजी तीज माता की सवारी ठाठ बाट के साथ पारम्परिक मार्ग से निकली। इससे पहले पूर्व महापौर सुमन श्रृंगी, कोटा उत्तर महापौर मंजू मेहरा, सुनीता भरावा, रूपाली भरावा, अल्का दुलारी जैन कर्मयोगी, नीलम शर्मा द्वारा तीज माता का पूजन कर शोभायात्रा को रवाना किया गया।

लोकसभा ओम बिरला, विधायक संदीप शर्मा, निगम में नेता प्रतिपक्ष लव शर्मा, रेलवे एम्पलाई यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव, पूर्व उपमहापौर राकेश सोरल हेमंत विजय, आशा चतुर्वेदी ने शोभायात्रा में तीज माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।

संयोजक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि शोभायात्रा कोटा जंक्शन से प्रारंभ होकर शीतला माता चौक, रानीजी की धर्मशाला होते हुए भीममंडी थाने के सामने से नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। जहां पर तीज माता की भव्य महाआरती की गई। उसके पश्चात शोभायात्रा का भरावा सदन पर पहुंचकर विश्राम हुआ। शोभायात्रा में ख्याति प्राप्त जैमिनी बैंड की मधुर स्वर लहरियां गूंज रही थीं।

विभिन्न अंचलों से आए लोक कलाकारों द्वारा अलगोजा, कच्छी घोड़ी, भवई नृत्य समेत अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रमुख आकर्षण का केंद्र थीं। शोभायात्रा में तीज माता की सवारी के साथ- साथ शिव पार्वती और राधा कृष्ण की झांकी आकर्षण का केंद्र थी। परंपरागत परिधान लहरिया में सजी संवरी महिलाएं शामिल हुई। मार्ग में विभिन्न स्थानों पर स्वागत द्वार लगाए गए। मेले के संस्थापक नंदकिशोर भरावा और भंवरलाल भरावा को श्रद्धा सुमन समर्पित किए गए। समिति द्वारा शोभायात्रा मार्ग में 57 किलो घेवर के प्रसाद वितरण किया गया।

शोभायात्रा की रवानगी से पूर्व उमरावमल पुरोहित सभागार में लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। लोक कलाकार धन्नालाल चेतराम एंड पार्टी ने तेजाजी गायन के साथ कच्छी घोड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी। इस दौरान महिलाओं को सुनीता भरावा, रूपाली भरावा, अलका दुलारी कर्मयोगी ने सुहाग चूडा एवं श्रृंगार सामग्री भेंट की।

मेला अध्यक्ष बसंत भरावा, संयोजक श्याम भरावा, राजाराम जैन कर्मयोगी, अनिल कुमार शर्मा, लक्ष्मीनारायण गर्ग द्वारा आमंत्रित सभी अतिथियों का शॉल, स्मृति चिह्न एवं मोतियों की माला से स्वागत किया गया। संचालन नरेश कारा ने किया। हाट बाजार में लगे मेले में शनिवार को चकरी, झूले, खिलौने की दुकानें, चाट पकौड़े की स्टाल पर खासी भीड़ रही।

खास महत्व है श्रावणी तीज का
राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से सौंदर्य एवं प्रेम का प्रतीक एक तीज का पर्व है। श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन श्रावणी तीज हरियाली तीज मनाई जाती है। वैसे उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में हरियाली तीज को बड़े ही हर्ष उल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू सुहागिन महिलाओं का खास पर्व हरियाली तीज पर व्रत उपवास कर गौरी पूजन करते हुए सुख समृद्धि की कामना की जाती है। देवी पार्वती ने इस दिन भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए व्रत किया था यह दिन भगवान शिव पार्वती के मिलन का प्रतीक है। सुहागिन महिलाओं का खास पर्व हरियाली तीज पर व्रत उपवास कर गोरी पूजन करते हुए सुख समृद्धि की कामना की जाती है। बालिकाएं श्रेष्ठ वर की कामना के लिए शिव पार्वती का पूजन कर मिष्ठान घेवर का तीज माता को भोग लगाते हुए सिंजारा करती है।