-कृष्ण बलदेव हाडा-
Har Ghar Tiranga Mahotsav: पिछले साल जब पूरा देश आजादी मिलने की 75वीं वर्षगांठ मना रहा था तो उस दिन से लेकर पूरे बीते साल को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया गया और इस दौरान समूचे देश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इसके साथ ही देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ के मौके पर सरकारी स्तर पर की गई पहल पर ‘हर घर तिरंगा’ फहराने की एक अनूठी पहल शुरू की थी ताकि आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों के प्रति लोगों के मन में कृतज्ञता की भावना को जगाया जा सके।
सार्वजनिक रूप छेड़ी गई इस मुहिम का काफी सकारात्मक असर भी पड़ा था पिछले साल 15 अगस्त को पूरे देश में लोगों ने अपने अपने घरों पर तिरंगे झंडे फ़हराकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया था। सरकारी स्तर पर ही नहीं बल्कि कई सामाजिक,स्वंयसेवी और राजनीतिक संगठनों ने बकायदा अभियान छेड़ कर अपने संसाधनों से देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का प्रबंध करके लोगों को घर-घर बांटते हुए उन्हें अपने घरों पर फ़हराने के लिए प्रेरित किया था।
केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों और सरकारी कर्मचारियों की आवासीय कॉलोनियों में तो एक तरफ से पूरी प्रतिबद्धताओं के साथ तिरंगे झंडे लहराते हुए नजर आए थे। एक अद्भुत सा माहौल सभी जगह देखने को मिला था जो एक स्वागत योग्य था। लोग तिरंगा झंडा फ़हरा कर गोरवांवित महसूस कर रहे थे जिसे एक सुखद संकेत भी माना जा सकता है।
पिछले साल सरकारी स्तर पर व्यापक पैमाने पर चलाये गए ‘हर घर तिरंगा’ के अलावा विभिन्न वॉलियंटरी और सोशल ऑर्गेनाइजेशनओं सहित पॉलिटिकल पार्टियों की ओर से भी लोगों को आजादी के इस महोत्सव के अवसर पर अपने घरों पर तिरंगा झंडा फहराने की मुहिम का सच्चे अर्थ में अच्छा और सकारात्मक नतीजे निकले थे।
यहां तक कि लोगों में न केवल अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज को फ़हराया था बल्कि लोगों ने अपने दुपहिया से लेकर कारों और यातायात के अन्य साधनों पर भी छोटे-छोटे कागज या कपड़े के तिरंगे झंडे लगाकर राष्ट्र और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपने सम्मान को प्रकट किया था।
देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर जब अमृत महोत्सव मनाने की नई परम्परा की शुरुआत करते हुए हर घर पर तिरंगा फहराया जा सकता है तो इस परंपरा को 76वीं वर्षगांठ के मौके पर इसे जारी क्यों नहीं रखा जा सकता है,यह एक विचारणीय मुद्दा है और प्रत्येक व्यक्ति को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और सभी की यह कोशिश होनी चाहिए कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का प्रबंध कर पूरे सम्मान के साथ आजादी की वर्षगांठ की इस मौके पर अपने घरों-दुकानों पर झंडा फ़हराया जाए।
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से भी सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यालय के साथ अपने घरों पर भी राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इस मामले में भारतीय रेलवे ने इस साल भी पिछले साल शुरू की गई अनूठी पहल जारी रखी है और अपने मातहत कर्मचारियों से को तिरंगे झंडे फहराने का अनुरोध किया है।
कम से कम पश्चिमी-मध्य रेलवे के कोटा मंडल के अधिकारियों ने ‘हर घर तिरंगा’ का अभियान इस बार भी देश की आजादी की क्षेत्र की वर्षगांठ के मौके पर भी जारी रहने का आह्वान किया है। साथ ही कर्मचारियों से कहा गया है कि वे अपने घरों पर तिरंगा लहराए।
कोटा मण्डल रेल प्रबंधक मनीष तिवारी के मार्गदर्शन में कार्मिक विभाग ने कोटा रेल मण्डल में लोगों में देश प्रेम की भावना पैदा करने एवं भारत वर्ष को एक महान देश बनाने वाले देशभक्तों की स्मृति में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोगों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहन हेतु 15 अगस्त को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का आयोजन किया जा रहा है।
कोटा मंडल में कार्यरत लगभग कुल 15 हजार कर्मियों को इस अभियान में कार्यालय एवं निवास स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहन किया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत जनभागीदारी से सभी घरों में तिरंगा झंडा फहराया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इससे न केवल नागरिकों को ध्वज से व्यक्तिगत रूप से जुड़ने में मदद मिलेगी बल्कि राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान भी बढ़ेगा। इसके साथ सभी नागरिकों को अपने फेसबुक, टि्वटर और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगा प्रदर्शित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
रेलवे की इस पहल का जोरदार तरीके से स्वागत किया जाना चाहिए और अन्य लोगों को भी इस बात के लिए प्रेरित किए जाने की महत्ती आवश्यकता है कि वह आजादी के महत्व को समझते हुए अपने घरों पर देश के आजादी के इस महोत्सव में सम्मिलित होते हुए राष्ट्रीय ध्वज को जरूर बताएं और दूसरों को भी प्रेरित करें ताकि पूरे समाज में अच्छा संदेश जाएगा। हर अच्छी पहल का स्वागत होना ही चाहिए।