कोटा के कोचिंग संचालकों को नए सिरे से फिर मिल गई पुरानी गाइड लाइन

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कोचिंग, मेस एवं हॉस्टल संचालकों के साथ प्रशासनिक बैठक।
क्या कोटा में कोचिंग छात्रों के आत्महत्या करने या उनकी संदिग्ध अवस्था में मौत होने का चल रहा यह अनवरत सिलसिला थमेगा भी या नहीं? या फिर उस दिन की प्रतीक्षा की जा रही है जब कोई सरकारी एजेंसी बलपूर्वक कोटा में बेलगाम हो चुके कुछ कोचिंग संस्थानों के संचालन पर ही पाबंदी लगा दे?

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Kota Coaching News: राजस्थान की कथित कोचिंग सिटी होने का दावा करने वाले कोटा में एक बार फिर से इस अगस्त महीने के पहले आठ दिन में ही तीन कोचिंग छात्रों की मौत के बाद फिर से पुराने ढर्रे की तरह कोटा का जिला प्रशासन फिर ‘चिंतातुर’ होकर और पूर्व में जिस तरह से कोचिंग संचालकों, हॉस्टल और मैस मालिकों को हिदायतओं की सूची थमाई जाती रही है, उसी तर्ज पर एक बार फिर जिला प्रशासन ने कोटा के कोचिंग संस्थानों से जुड़े अन्य कारोबारियों के लिए गाइड लाइन बताते हुए परिपत्र थमा दिया है।

ऐसी गाइड लाइन राज्य सरकार की ओर से पहले से ही कोचिंग संस्थान संचालकों के लिए जारी की जा चुकी है, लेकिन इस गाइडलाइन को कड़ाई से लागू किए जाने के बजाय कोचिंग छात्रों की मौतों का सिलसिला बढ़ने के साथ नए सिरे से प्रशासन ने बैठक बुलाकर जारी करने की औपचारिकता को पूरा कर दिया।

महज पिछले आठ दिन में राजस्थान से बाहर से आए तीन कोचिंग छात्रों की मौत हो जाने के बाद एक बार फिर से कोटा के प्रशासन की यह चेतना लौटी है। एक बार फिर से पहले की तरह यहां के कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल संचालकों, मैस मालिकों को चेतावनी सूचक शब्दों में सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।

इस महीने सबसे पहले दो अगस्त को बिहार के मोतिहारी के कोचिंग छात्र भार्गव मिश्रा (17) ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की थी। उसके बाद उत्तर प्रदेश के रामपुर से नीट की तैयारी के लिए आए एक कोचिंग छात्र मनजोत सिंह (18) की संदिग्ध हालत में मौत हो गई।

हालांकि शुरू में इसे भी आत्महत्या बताने की कोशिश की गई थी, लेकिन मनजोत के पिता और कोटा के सिख समुदाय के इस दिवंगत कोचिंग छात्र को न्याय दिलाने की कोशिशों के चलते बनाए दबाव के आगे आखिरकार कोटा पुलिस को आत्महत्या की जगह हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच के लिए मजबूर होना पड़ा।

लेकिन मौतों का यह सिलसिला थमा नहीं। दो ही दिन बाद आठ अगस्त को उत्तर प्रदेश के ही आजमगढ़ के रहने वाले एक और कोचिंग छात्र मनीष प्रजापति ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी जान दे दी।

वैसे भी कोटा की कोचिंग छात्र मनजोत सिंह छाबड़ा की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत के मामले में हॉस्टल प्रबंधन के संदिग्ध भूमिका का मामला राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंचने के बाद राज्य सरकार के स्तर पर ही कोचिंग छात्रों की मौतों के मामले में कोटा के जिला प्रशासन पर दबाव बनने लगा।

आत्महत्या की इन बढती घटनाओं के बीच जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर ने शनिवार को एक बार फिर से कोचिंग संस्थानों एवं होस्टल एसोसिएशन की बैठक की और उनसे कहा गया कि कोचिंग विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए कोचिंग संस्थान, होस्टल संगठनों के स्तर पर समन्वित प्रयास करनेे होंगे। राज्य सरकार की गाइड लाइन की पालना करते हुए सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।

उन्होंने सभी पक्षों को टीम भावना के साथ कार्य करने की सलाह देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की समस्याओं का समय पर निराकरण करते हुए उनसे निरन्तर संवाद बनाये रखकर अनुकूल माहौल प्रदान करना होगा। कोचिंग संस्थान प्रतिमाह विद्यार्थियों को मोटिवेशन सेंशन आयोजित कर अन्य विकल्पों के लिए भी जागरूक करें।