नई दिल्ली। debate on no confidence motion: कांग्रेस पार्टी की अगुवाई में विपक्षी दलों की तरफ से संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। लोकसभा में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का बहुमत है ही, राज्यसभा में भी वह बहुमत में ही है।
सरकार ने दिल्ली में सर्विस के मुद्दे पर लाए गए अध्यादेश को कानून का रूप देने के लिए विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया था। विधेयक पर हुई वोटिंग में विपक्ष बुरी तरह परास्त हुआ और सत्ता पक्ष की जीत हुई। बहरहाल, मंगलवा को अविश्वास प्रस्ताव पर शुरू हुई चर्चा गुरुवार तक चलेगी और उसी दिन मतदान होगा।
10 अगस्त को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष की ताकत का अंदाजा लग जाएगा। इससे पहले देख लेते हैं कि लोकसभा और राज्यसभा में सत्ताधारी एनडी, विपक्षी I.N.D.I.A और इन दोनों गठबंधनों से इतर तीसरे पक्ष की कितनी ताकत है।
ध्यान रहे कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल (वर्ष 2014 से 2019) में भी विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था जिस पर 20 जुलाई को मतदान हुआ था। तब मोदी सरकार के पक्ष में 325 जबकि विपक्ष को सिर्फ 126 सांसदों का समर्थन हासिल हो सका था। इस तरह, 12 घंटे की चर्चा के बाद मोदी सरकार ने 199 वोटों के अंतर से अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया था।