पाठ्य सामग्री और ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते निजी स्कूल

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लोक अदालत ने आदेश में लिखा कि किसी भी विद्यार्थी को स्कूल का प्रशासन सामग्री अपने यहां से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

कोटा। विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री खरीदने के लिए बाध्य करने और फीस निर्धारित करने की याचिका पर मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने आदेश दिया है कि कोई भी निजी स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों को स्कूल अन्य किसी भी एजेंसी से स्कूल की गणवेश, बैग पाठ्य पुस्तकें क्रय करने के लिए बाध्य नहीं करें।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि विद्यार्थियों को यह स्वतंत्रता दे कि वे अपने स्तर पर अच्छी क्वालिटी का ड्रेस, बैग पाठ्य पुस्तकें जहां पर उपलब्ध हों, वहीं से क्रय करें। यह आदेश स्थायी लोक अदालत ने मंगलवार को वकील लोकेश कुमार सैनी की याचिका पर कलेक्टर और माध्यमिक प्रारंभिक शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए।

लोक अदालत ने आदेश में लिखा कि किसी भी विद्यार्थी को स्कूल का प्रशासन सामग्री अपने यहां से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। स्कूल की ड्रेस का रंग डिजाइन तय करने का काम स्कूल प्रशासन का होता है। किंतु, ड्रेस, बैग उपलब्ध करवाना उचित नहीं है।

वकील लोकेश कुमार सैनी ने 7 अप्रैल को स्थायी लोक अदालत में याचिका पेश की थी। इसमें कलेक्टर, माध्यमिक और प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी और सीबीएसई सिटी कॉर्डिनेटर को पार्टी बनाया था। इस पर कोर्ट ने सभी को जवाब देने के आदेश दिए थे। इस पर सभी पक्षों ने जवाब पेश कर दिया।