सेंट्रल एक्साइज कमिश्नर बोले, “रफ माल 5 फीसदी में और प्रोसेसिंग वाला 18 फीसदी में”
कोटा। कोटा स्टोन जीएसटी के किस स्लैब में आएगा। इसको लेकर शुरुआत से ही असमंजस बना हुआ है। हाड़ौती कोटा स्टोन इंड्रस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें अभी तक नहीं पता कि कोटा स्टोन जीएसटी के किस स्लैब में आएगा। इसमें दो तरह के 5 फीसदी और 18 फीसदी का स्लैब है। इसको अधिकारी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। जबकि अधिकारियों का कहना है कि सब स्पष्ट किया हुआ है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष छुट्टन लाल शर्मा ने बताया कि सरकार ने जीएसटी का निर्णय जल्दबाजी में किया। इसकी वजह से व्यापारी परेशान हो रहे हैं। स्टेट जीएसटी और सेन्ट्रल जीएसटी के अधिकारी मौखिक तो 5 फीसदी की बात कहते हैं, लेकिन लिखित में कुछ देने को तैयार नहीं है।
सेल्स टैक्स कमिश्नर ने पहले ही इसे 5 फीसदी के लिए लिखित में दिया हुआ था, लेकिन वित्तमंत्री के बयान के बाद सब 18 फीसदी की बात कर रहे हैं। महासचिव मुकेश त्यागी का कहना है कि जब कोटा में प्रतिनिधिमंडल कोटा में सीएम से मिला तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से कोटा स्टोन को 5 फीसदी में होने की बात कही थी। फिर क्यों सीएम की बात तक नहीं मानी जा रही है। संभाग में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 से 12 लाख लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं।
रफ माल 5 और प्रोसेसिंग वाला 18 फीसदी
खान से आने वाला कोटा स्टोन 5 फीसदी की स्लैब में हैं और पॉलिश तथा कटिंग वाला 18 फीसदी की स्लैब में होगा।
नरेश बुंदेल, डिप्टी कमिश्नर सेंट्रल एक्साइज
हाड़ौती कोटा स्टोन इंड्रस्ट्रीज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि टैक्स स्लैब स्पष्ट हो तो व्यापारी अपना कारोबार करें।
विकास जोशी ने कहा कि कोटा स्टोन कोटा की सबसे पुरानी पहचान है। इसके लिए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। व्यापारी अभी असमंजस में हैं और वे बिल तक नहीं बनाए जा रहे।
व्यापारियों के समस्या पर जब लेनदेन न्यूज़ ने स्टेट जीएसटी और सेन्ट्रल जीएसटी के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि सबकुछ स्पष्ट है। उन्हें बताया भी हुआ है। फिर क्यों ऐसी बात कर रहे हैं। खान से आना वाला पत्थर 5 फीसदी की स्लैब में आएगा और प्रोसेसिंग होने पर 18 फीसदी की स्लैब में जाएगा।