‘लाल डायरी’ में गहलोत सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार के राज: शेखावत

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जयपुर। Secret Of Red Diary: राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के विधानसभा में लाल डायरी लहराने और उन्हें जबरन सदन में बाहर निकालने के बाद वापस नहीं घुसने देने के प्रकरण में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह राजस्थान के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन है, जब किसी विधायक के साथ ऐसा व्यवहार किया गया।

उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया कि जिस लाल डायरी का जिक्र गुढ़ा जी कर रहे हैं, उसके विषय में मुख्यमंत्री को पूरा खुलासा करना चाहिए। लाल डायरी में क्या है? पूरा प्रदेश जानना चाह रहा है। शेखावत ने दावा किया कि लाल डायरी में गहलोत सरकार के कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार के राज हैं। इसके तार दिल्ली में आलाकमान तक जुड़े हुए हैं।

सोमवार को भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए शेखावत ने कहा कि लाल डायरी के नाम पर ही कांग्रेस सरकार के मुखिया और मंत्रियों में घबराहट दिखाई देती है। गुढ़ा जी ने एक दिन पहले ही कह दिया था कि इस लाल डायरी से सरकार की चूलें हिल जाएंगी। सरकार धराशाही हो जाएगी। शेखावत मुख्यमंत्री गहलोत से पूछा कि लाल डायरी को लेकर सरकार और उनमें इतनी धबराहट क्यों है?

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि वर्ष 2020 में जब कांग्रेस में अंतरकलह चरम पर थी। अपने आलाकामन से मिलने के लिए कुछ विधायक दिल्ली के पास डेरा डाले बैठे थे। उसी कालखंड में सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी के यहां इनकम टैक्स ने रेड किया था। उस रेड के दौरान लाल रंग की डायरी और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज रिकवर किए गए। राजस्थान पुलिस की मिलीभगत से उस समय गुढ़ा जी, जो विधायक थे और गहलोत के कृपा पात्र थे, पचास से अधिक समर्थकों के साथ जाकर इनकम टैक्स के अधिकारियों से लाल रंग की डायरी छीनकर ले आए थे। ऐसा कहा जाता है कि उस डायरी में गहलोत साब के बहुत सारे राज छिपे थे।

लाल डायरी पूरी ही काली
शेखावत ने कहा कि आज विधानसभा में जिस तरह कांग्रेस के विधायकों में उस लाल डायरी को छीनने की होड़ मची हुई थी, उससे लगता है कि कहीं न कहीं उस लाल डायरी में लाल है या नहीं, लेकिन कुछ काला जरूर है। आज मैं गहलोत साब से यह प्रश्न पूछना चाहता हूं कि आपने क्यों राजेन्द्र गुढ़ा जी को वहां भेजकर जबरन लाल डायरी मंगवाई? क्या राजस्थान की गरीब जनता की भलाई के लिए चलाई गई योजनाओं से लूटे गए पैसों का उसमें हिसाब था? उन पैसों का कब, कहां और कौन उपयोग कर रहा था? कौन गुलछर्रे उड़ा रहा था? कौन अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए उपयोग कर रहा था? किसने कहां प्रॉपर्टी बनाई? क्या इन सबकी जानकारी उसमें थी? गुढ़ा जी ने कहा था कि डायरी में 500 करोड़ का हिसाब था। गुढ़ा जी को चुप रखने के लिए ही उन्हें मंत्री पद से नवाजा गया था। इसलिए वे ढाई साल तक चुप रहे। उन्होंने जो प्रश्न खड़े किए, सरकार उन्हें झेल नहीं पा रही थी।

आरसीए चुनाव का हिसाब भी था डायरी में
केन्द्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि डायरी में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव के लिए कब, किसको और कितना पैसा दिया गया? इसका भी हिसाब है। इससे सरकार की बौखलाहट स्पष्ट होती है। इससे यह भी समझ में आ रहा है कि क्यों गुढ़ा जी की बयानबाजी को इतने दिन तक गहलोत सहन कर रहे थे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लाल डायरी का रहस्य जिस दिन खुलेगा, कई लोगों का राजनीतिक वजूद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। राज्य में बढ़ रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर तंज कसते हुए केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि गुढ़ा जी ने अजमेर ब्लैकमेल कांड के विषय में भी चर्चा की। पेपरलीक की डायरी निकलेगी, वह नीले रंग की होगी। माइनिंग माफिया की डायरी काले या पीले रंग की होगी। नौकरियों में हुए घोटाले की डायरी किसी और रंग होगी। पता नहीं, कितने रंग की डायरियां हैं। इनमें हजारों करोड़ रुपए के घोटालों की जानकारी है।