नई दिल्ली। भारत-22 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) निवेशकों के लिए मंगलवार से खुल रहा है। यह 17 नवंबर को बंद होगा। इस ईटीएफ के जरिये सरकार का इरादा 8,000 करोड़ रुपये जुटाने का है।
यह ईटीएफ 22 ब्लूचिप कंपनियों का एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होगा। यह सरकार के समग्र विनिवेश कार्यक्रम का एक हिस्सा है।
भारत 22 ईटीएफ में किसको क्या मिलेगा: इसमें हर कैटेगरी के निवेशक को 3 फीसदी तक का अपफ्रंट डिस्काउंट मिलेगा। एंकर इन्वेस्टर्स के लिए 14 नवंबर को एनएफओ खुलेगा वहीं रिटेल निवेशकों के लिए ये 15 नवंबर से 17 नवंबर तक खुलेगा।
भारत 22 में कौन कौन कंपनियां शामिल: भारत-22 ईटीएफ में सीपीएसई, पीएसयू बैंक और एसयूयूटीआई की कंपनियां शामिल होंगी।
अगर सीपीईसी की बात करें तो इसमें कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, आईओसी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, पीएफसी, कोल इंडिया, ओएनजीसी, गेल, एनर्जी इंडिया लिमिटेड, रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड शामिल हैं।
वहीं भारत-22 ईटीएफ में 6 सेक्टर भी शामिल होंगे। ये आधारभूत सामग्री, ऊर्जा, वित्त, एफएमसीजी, औद्योगिक और उपभोक्ता सेवा से जुड़ी कंपनियां हैं।
भारत-22 ईटीएफ में सेक्टोरल शेयर लिमिट 20 फीसदी तय की गई है, जबकि ईटीएफ में कंपनी विनिवेश पर लिमिट 15 फीसदी तय की गई है। इसमें तीन बैंक एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक शामिल हैं।
निवेश के बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट: एस्कॉर्ट सिक्योरिटी के हेड (रिसर्च) आसिफ इकबाल ने बताया कि जिस तरह से सरकार बैंकों की हालत सुधारने के लिए राहत पैकेज देने को तैयार हुई है और उनके पुर्नगठन और पुनर्पूंजीकरण के लिए प्रयास कर रही है वो एक बेहतर संकेत है।
उन्होंने कहा कि अगर आप पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों) में निवेश करना चाहते हैं तो भारत-22 ईटीएफ एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि सारे पीएसयू में निवेश करना हर किसी के बस में नहीं होता है। भारत-22 ईटीएफ के जरिए छोटे निवेशक भी पीएसयू में निवेश के अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।
आसिफ ने बताया कि अगर केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे सुधारों से पीएसयू की स्थिति में सुधार या बेहतरी दिखती है तो भारत-22 ईटीएफ में निवेश फायदे का सौदा साबित हो सकता है, लेकिन अगर इसके उलट तमाम सुधारों के बावजूद सरकारी बैंकों की खराब हालत जस की तस बनी रहती है तो इसमें निवेश से आपको कोई फायदा नहीं होगा।