नई दिल्ली। देश की सभी ग्राम पंचायतों को भी हाई स्पीड इंटरनेट ब्रॉडबैंड की सुविधा मिल सके, इसके लिए सोमवार को भारतनेट परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई।
इसके दूसरे चरण के अंतर्गत वर्ष 2019 तक देश की सभी पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया समेत दूरसंचार क्षेत्र की अन्य कंपनियों ने हिस्सा लिया है।
केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ मिलकर भारतनेट के महात्वाकांक्षी दूसरे चरण की घोषणा की।
इस अवसर पर सिन्हा ने कहा कि सरकार ने भारतनेट परियोजना के लिए बैंडविथ की कीमत 75 फीसदी घटा दी है जिससे दूरसंचार ऑपरेटरों को सस्ती दरों पर सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
Jio ने दिया 13 करोड़ का चेक
भारतनेट में शामिल होने के लिए रिलायंस जियो ने 30,000 ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड सेवा देने के लिए सबसे अधिक 13 करोड़ रुपये के अग्रिम का चेक दिया।
रिलायंस जियो के निदेशक महेंद्र नहाटा ने चेक सौंपने के बाद बताया कि कंपनी ने प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए सरकार से बैंडविद्थ खरीदने की प्रतिबद्धता के साथ यह चेक दिया क्योंकि कंपनी अपनी परियोजना का विस्तार करना चाहती है।
सरकार बिछाएगी ऑप्टिकल फाइबर
भारतनेट के दूसरे चरण में सरकार डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाएगी। इस परियोजना में शामिल होने के लिए भारती एयरटेल ने 30,500 ग्राम पंचायतों को कवर करने हेतु बैडविद्थ के लिए पांच करोड़ रुपये दिए, वहीं वोडाफोन ने 11 लाख रुपये और आइडिया सेल्युलर ने पांच लाख रुपये दिए।