विद्या भारती दीक्षांत समारोह: आचार्य की कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए

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कोटा। Vidya Bharati Dikshant Samaroh: विद्या भारती की ओर से महावीर नगर तृतीय स्थित स्वामी विवेकानंद विद्यालय में आयोजित आठ दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का रविवार को समापन हुआ। दीक्षांत समारोह में मुख्य वक्ता सतीश कुमार गौतम जिला सचिव कोटा ने बताया कि ज्ञान के साथ विवेक आवश्यक है।

आचार्य की कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। बालक पर इसका गहन प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति में किसी के प्रति वास्तविक भक्ति होनी चाहिए । ईश्वर भी उसी का साथ देता है। सतीश गौतम ने उदाहरण दिया कि रेगर जाति के संत होने के बाद भी भगवान ने उन्हें अपने संपूर्ण स्वरूप के दर्शन दिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रांतीय सचिव, विद्या भारती श्रीकिशन गोपाल ने बताया कि आचार्य को बालक की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। उसकेे मार्ग में आने वाली बाधाओं के निवारण का भरपूर प्रयास करना चाहिए। तभी बालक आचार्य दीदी को जीवन पर्यंन्त याद रखता है।

मंच का परिचय व स्वागत डॉ. महेश शर्मा (प्रधानाचार्य) महावीर नगर तृतीय कोटा ने करवाया। विशिष्ट अतिथि विमल कुमार जैन मंत्री विद्या भारती कोटा ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। प्रशिक्षण वर्ग प्रतिवेदन कृष्ण मुरारी शर्मा वर्ग संयोजक ने बताया कि कोटा जिला द्वारा आयोजित नवीन आचार्य एवं आधारभूत प्रशिक्षण वर्ग 11 से 18 जून रहा।

इस वर्ग में प्रथम व द्वितीय वर्ष के नवीन आचार्य व आधारभूत, अंग्रेजी स्पोकंन, वैदिक गणित आदि में कुल आचार्य दीदियों संख्या 189 ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। निर्धारित दिनचर्या अनुसार कार्यक्रम संपन्न हुए। प्रतिदिन प्रातः योग सत्र में मनीष जैन द्वारा सभी ने योग क्रिया का लाभ लिया।

प्रतिदिन बौद्धिक सत्र में राधेश्याम शर्मा, राजेश पालीवाल, महावीर जी गौतम, अरविंद भाई पटेल ,डॉ. विमल जैन, विवेक राजवंशी, महेंद्र सिंह, विशाल जोशी, नवीनकुमार झा, मुकेश गोयल, सचिन एवं विपुल साबू आदि का प्रेरक पाथेय एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। रात्रिकालीन कार्यक्रम में भजन संध्या, प्रवचन, प्रेरणादायक लघु फिल्म , अंत्याक्षरी, प्रतिभा प्रकटीकरण एवं प्रश्न मंच आदि कार्यक्रम संपन्न हुए।

प्रवचन कार्यक्रम के अंतर्गत वीर सावरकर की जीवनी पर साहित्यकार विष्णु हरिहर का प्रेरक प्रसंग प्राप्त हुआ। कोटा जिले के सभी 19 प्रधानाचार्य द्वारा संपूर्ण वर्ग की व्यवस्थाओं में पूर्ण सहयोग रहा। डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि 19 जून से सभी आचार्य अपने अपने विद्यालय में जॉइनिंग देंगे।