मुनाफावसूली से जीरा धड़ाम, भाव 12 फीसदी से ज्यादा घटे

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ऊंझा। जीरा की कीमत रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद अब तक 12 फीसदी से ज्यादा गिर गई है। इसकी वजह ऊंचे भाव पर मांग कमजोर पड़ना और मुनाफावसूली होना मानी जा रही है। कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स में जीरा का जून कॉन्ट्रैक्ट 10 मई को 49,840 रुपये प्रति क्विंटल के सर्वोच्च स्तर तक पहुंच गया था।

इस कॉन्ट्रैक्ट ने आज 43,500 रुपये प्रति क्विंटल का निचला स्तर छू लिया। इस तरह जीरा के वायदा भाव में करीब 12 फीसदी गिरावट आ चुकी है। खबर लिखे जाने के समय यह कॉन्ट्रैक्ट 715 रुपये की गिरावट के साथ 43,980 रुपये क्विंटल के भाव पर कारोबार कर रहा था।

जिंस विश्लेषक और एग्रीटेक कंपनी green agrevolution pvt ltd में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने कहा कि भाव काफी ज्यादा बढ़ने के कारण जीरे की घरेलू मांग सुस्त पड गई है। सीरिया में जीरा की नई फसल आने से निर्यात मांग भी कमजोर पड़ी है।

मांग कमजोर होने से जीरा की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली के कारण भी जीरा सस्ता हुआ है।

ज्यादा गिरने की संभावना नहीं
पॉल ने कहा कि रिकॉर्ड स्तर से जीरा के भाव काफी गिर चुके हैं। चूंकि उत्पादन घटने से देश में जीरे की आपूर्ति कमजोर है। ऐसे में अब जीरे की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। वर्तमान भाव पर जीरे की कीमतों में 500 से 1000 रुपये की गिरावट और आ सकती है। इसके बाद दाम सुधरने की संभावना है क्योंकि इस साल जीरे का उत्पादन काफी कम है। पिछले साल उत्पादन 6.29 लाख टन था। इस साल यह घटकर 3.8 से 4 लाख टन रह सकता है।