डॉक्टरों की हड़ताल में आरएसएस को देखना मानसिक दिवालियापन: विकास शर्मा

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कोटा। भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश महामंत्री विकास शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के डॉक्टरों की हड़ताल में आरएसएस को लेकर दिए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की भाषा डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त करने वाली नहीं है। वे और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा चिकित्सकों को लगातार धमका रहे हैं।

चिकित्सक समुदाय को चुनौती देकर हड़ताल को बढ़ावा दे रहे हैं। दूसरी ओर हड़ताल में आरएसएस का एंगल देखना मानसिक दिवालियापन है। सरकार आरटीएच के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है।मुख्यमंत्री गहलोत स्वयं कह कर गए हैं कि अभी अधिसूचना जारी होगी, नियम बनेंगे, तब इसका लाभ मिल पाएगा। लेकिन सरकार इस प्रकार प्रचारित कर रही है जैसे कल से ही जनता को सारी स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क मिलने लगेगी।

उन्होंने कहा कि डॉक्टर सरकार की हठधर्मिता के कारण सड़कों पर बैठे हैं और जनता परेशान हो रही है। मुख्यमंत्री चिकित्सक समुदाय से बात करने के बजाए उसका आरोप आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी पर मंढ रहे हैं। सरकार ने चिकित्सकों से बात करने के बजाए उन पर लाठीचार्ज किया और जनता को बेहाल मरने के लिए छोड़ दिया है।

विकास शर्मा ने कहा कि बार-बार मुख्यमंत्री गहलोत पंजाब में अमृतपाल के खालिस्तान की मांग करने के पीछे हिंदू राष्ट्र की बात को बता रहे हैं। जबकि वह यह नहीं कह रहे कि जब भिंडरावाला ने खालिस्तान की मांग की थी उस समय भागवत और मोदी नहीं देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। विकास शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि उन्हें हर जगह मोदी और आरएसएस ही नजर आते हैं।