नई दिल्ली। गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) अगले महीने यानी 1 अप्रैल से अनिवार्य हो जाएगी। गोल्ड के मानक तय करने वाली भारत सरकार की संस्था ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने मंगलवार को साफ किया कि इस बार तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी।
इसके तहत गोल्ड हॉलमार्किंग वाले ज्वैलरी बेचने के लिए अब 6 अंकों वाला अल्फा न्यूमेरिक HUID (Hallmark Unique Identification) अनिवार्य हो जाएगा। यानी 1 अप्रैल से फिजिकल गोल्ड बिना हॉलमार्क के नहीं मिलेगा और कोई भी दुकानदार बिना हॉलमार्क वाला सोना नहीं बेच सकेगा।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स के चीफ प्रमोद कुमार तिवारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि BIS ब्लॉकचेन जैसी उभरती तकनीकों के लिए मानक तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए मानक तैयार कर हैं।
देश के राष्ट्रीय मानकों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है, ताकि हमारा बाहरी व्यापार बिना किसी रुकावट के जारी रहे। BIS चीफ ने बताया कि फिलहाल 22,000 BIS मानकों में से करीब 8,000 ही अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। इनमें बिजली क्षेत्रों के लिए IEC मानक और दूसरे क्षेत्रों के लिए ISO मानक शामिल हैं।
बेकार हो जाएगी पुरानी ज्वैलरी
सरकारी नियम के मुताबिक बिना हॉलमार्क के ज्वेलरी खरीदना या बेचना गैरकानूनी हो जाएगा। लेकिन अगर आपके पास पुराने सोने के गहने हैं, तो ये बेकार नहीं होगा। अगर आप बिना हॉलमार्क वाली ज्वेलरी बेचने जाएंगे, तो आपको सोने के उस दिन के भाव के हिसाब से ही रेट मिलेंगे। लेकिन दुकानदार उस सोने का इस्तेमाल तब तक नहीं कर पाएगा जब तक वो उसे पिघला कर हॉलमार्क के साथ नया डिजाइन ना बना दे।