सोयाबीन की पेराई 48 फीसदी बढ़ी, खाद्य तेलों की कीमतों पर दबाव

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नई दिल्ली। Soybean crushing: देश में सोयाबीन की पेराई (crushing) जोर पकड़ रही है। चालू तेल वर्ष 2022-23 (सितंबर—अक्टूबर) के 5 महीनों के दौरान सोयाबीन की पेराई में करीब 48 फीसदी इजाफा हुआ है। चालू तेल वर्ष के दौरान कुल पेराई करीब 19 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।

सोयाबीन उत्पादन में बढ़ोतरी की तुलना में इस साल पेराई काफी ज्यादा होने का अनुमान है क्योंकि पिछले साल का बकाया स्टॉक काफी होने से सोयाबीन की उपलब्धता अधिक है। सोयाबीन की उपलब्धता अधिक होने से इसकी इसकी आवक भी खूब हो रही है। जिससे सोयाबीन की कीमतों पर भी दबाव पड रहा है।

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 2022-23 की अक्टूबर—फरवरी अवधि में 52.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में 35.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी। इस तरह पेराई में 47.88 फीसदी बढोतरी दर्ज की गई है।

फरवरी महीने में 9 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई है, जो साल फरवरी में हुई 7 लाख टन पेराई से करीब 29 फीसदी अधिक है। इस तेल वर्ष पेराई के लिए 134.55 लाख टन सोयाबीन की उपलब्धता रहने का अनुमान है, जो पिछले तेल वर्ष की उपलब्धता 113.27 लाख टन से करीब 19 फीसदी अधिक है।

सोयाबीन का उत्पादन करीब 1.50 लाख टन बढ़कर 120.40 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल के बकाया स्टॉक और आयात को मिलाकर चालू तेल वर्ष में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 147.55 लाख टन रहने का अनुमान है। इसमें 13 लाख टन बीज के लिए निकालने के बाद पेराई के लिए उपलब्धता 134.55 लाख टन बचेगी। पिछले तेल वर्ष में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 126.27 लाख टन थी। इसमें से पेराई के लिए 113.27 लाख टन सोयाबीन था।

सोयाबीन की आवक 29 फीसदी बढ़ी
पेराई जोर पकड़ने के साथ ही सोयाबीन की आवक भी तेजी से बढ रही है। चालू तेल के वर्ष पहले 5 महीने में 71 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है। पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में हुई 55 लाख टन सोयाबीन की आवक से 29 फीसदी अधिक है।

सोयाबीन का स्टॉक
किसान, कारोबारी और सोयाबीन प्लांटों के पास एक मार्च तक 77.98 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ है। पिछले साल इस समय 71.77 लाख टन ही सोयाबीन का स्टॉक बचा था।