कोटा को चंबल रिवर फ्रंट और ऑक्सीजोन पार्क की सौगात मिलना अब दूर नहीं

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Kota city
  • इसी माह के अंत तक पूरा होगा निर्माण का काम
  • विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप विकसित होंगे

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा में पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से विकसित किए गए करोड़ों रुपए की लागत के चंबल रिवर फ्रंट को कोटा सिटी ऑक्सीजोन पार्क की सौगात इसी महीने के अंत तक मिल जाएगी।

कोटा में विकसित किए गए इन दोनों स्थलों को लेकर व्यापक उत्सुकता है। लोग भी इन्हें देखने के लिए इनके आम जनता के लिये खोले जाने की अधीरता से काफी समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पिछले दिनों राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कोटा के दो दिवसीय प्रवास के दौरान चंबल रिवर फ्रंट और कोटा सिटी ऑक्सीजोन का भ्रमण करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुये इन दोनों स्थानों की जमकर की थी। इन्हें विश्व स्तरीय धरोहर बताए जाने के बाद लोगों की उत्सुकता लगातार बढ़ती ही जा रही होगी। अब इन दोनों स्थलों को आम जनता और पर्यटकों के लिए खोले जाने की प्रतीक्षा है।

नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि चंबल रिवर फ्रंट और कोटा सिटी ऑक्सीजोन का निर्माण अद्भुत स्थापत्य का नमूना है और दोनों स्थलों को भव्य एवं आकर्षक तरीके से निर्मित किया गया है जो मोहक स्वरूप लिए हुए हैं। निश्चित रूप से लोगों के लिए आने वाले समय में दोनों ही स्थान अपार आकर्षण का केंद्र बनने वाले हैं।

श्री धारीवाल ने कहा कि कोटा शहर में पर्यटन विकास की नजर से विश्व स्तरीय निर्मित रिवरफ्रंट और ऑक्सीजोन जैसे कार्यों की सराहना और चर्चायें हो रही हैं । रिवरफ्रंट तो अपने आप में अनोखा है, क्योंकि इस तरह का हेरिटेज और छह किलोमीटर लंबा रिवरफ्रंट कहीं भी नहीं है। वहीं ऑक्सीजोन पार्क भी वर्ल्ड क्लास बनाया गया है। दोनों के निर्माण कार्य 31 मार्च तक पूरे होने जा रहे हैं। इसके बाद जनता को इसकी सौगात दी जाएगी।

city park Kota

यह दोनों ही स्थान आने वाले समय में निश्चित रूप से ही न केवल कोटा के लोगों के लिए बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी अत्यधिक आकर्षण का केंद्र बनने वाले हैं। इनके बनने से निश्चित रूप से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और कोटा राजस्थान में विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप विकसित होगा।

हेरिटेज रिवर चम्बल रिवर फ्रंट में खूबसूरती के कई रंग भरे गये हैं। यह भारतीय सभ्यता-संस्कृति, कल्चरल हेरिटेज का अद्भुत संगम होगा, जहां विश्व के कई कीर्तिमान स्थापित होने वाले हैं। सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनने वाली दुनिया की सबसे ऊंची चंबल माता की प्रतिमा यहां पर है, जो जयपुर में वियतनाम मार्बल से तैयार हुई है।

करीब 26 करोड़ की लागत से निर्मित हुई इस प्रतिमा की ऊंचाई 256 फीट है। करीब 1500 पीस में प्रतिमा का निर्माण किया गया है। दुनिया की सबसे ऊंची मार्बल की चंबल माता की प्रतिमा का वजन 1500 टन के करीब रहेगा।

प्रतिमा बैराज गार्डन के पास स्थापित की जा रही है, जिसका मुख नयापुरा की ओर होगा। प्रतिमा से जल का प्रवाह भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। प्रतिमा के ठीक नीचे 5 हाथियों की प्रतिमाए स्वागत करते नजर आयेगी। 450 एमएम करीब डेढ़ फीट चौड़े 2 पाइपों के जरिए आधुनिक पावरफूल पम्प की सहायता से प्रतिमा के शीर्ष तक पानी को पहुंचाया जाएगा।