पिछले चार महीनों में सोयाबीन की पेराई इस बार 52 फीसदी अधिक हुई

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नई दिल्ली। देश में सोयाबीन की पेराई (Soybean crushing) जोर पकड़ रही है। चालू तेल वर्ष 2022-23 (सितंबर-अक्टूबर) के 4 महीनों के दौरान पेराई में 50 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है। चालू तेल वर्ष के दौरान कुल पेराई करीब 19 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।

सोयाबीन उत्पादन में बढ़ोतरी की तुलना में इस साल पेराई काफी ज्यादा होने का अनुमान है क्योंकि पिछले साल का बकाया स्टॉक काफी होने से सोयाबीन की उपलब्धता अधिक है। सोयाबीन की उपलब्धता अधिक होने से इसकी आवक भी खूब हो रही है।

पेराई 52.63 फीसदी ज्यादा: सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-जनवरी अवधि में 43.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में 28.50 लाख टन पेराई हुई थी। इस तरह पेराई में 52.63 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस तेल वर्ष पेराई के लिए 134.55 लाख टन सोयाबीन की उपलब्धता रहने का अनुमान है, जो पिछले तेल वर्ष की उपलब्धता 113.27 लाख टन से करीब 19 फीसदी अधिक है।

सोयाबीन का उत्पादन करीब 1.50 लाख टन बढ़कर 120.40 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल के बकाया स्टॉक और आयात को मिलाकर चालू तेल वर्ष में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 147.55 लाख टन रहने का अनुमान है। इसमें 13 लाख टन बीज के लिए निकालने के बाद पेराई के लिए उपलब्धता 134.55 लाख टन बचेगी। पिछले तेल वर्ष में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 126.27 लाख टन थी। इसमें से पेराई के लिए 113.27 लाख टन सोयाबीन था।

सोयाबीन की आवक 27 फीसदी बढ़ी: पेराई जोर पकड़ने के साथ ही सोयाबीन की आवक भी तेजी से बढ़ रही है। चालू तेल वर्ष के पहले 4 महीने में 61 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है। पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 48 लाख टन था। जाहिर है चालू तेल वर्ष में जनवरी तक सोयाबीन की आवक में 27 फीसदी इजाफा हो चुका है। किसान, कारोबारी और सोयाबीन प्लांटों के पास अभी 87.33 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ है।