महंगाई पर कंट्रोल के लिए सरकार ने सस्ते भाव पर आटा बेचना शुरू किया

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नई दिल्ली। आम लोगों को गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए केंद्रीय भंडार ने बृहस्पतिवार से आटा 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचना शुरू कर दिया है, जबकि सहकारी संस्थाएं नेफेड और एनसीसीएफ देशभर में छह फरवरी से समान कीमत पर आटे की बिक्री करेंगी। खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

एक बयान में कहा गया है कि इन संस्थानों ने गेहूं के आटे को ‘भारत आटा’ या ‘कोई अन्य उपयुक्त नाम’ के रूप में ब्रांड करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसका अधिकतम खुदरा मूल्य 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम होगा।

घरेलू बाजार में मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं की बिक्री की प्रगति पर बृहस्पतिवार को खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह बात कही गई। मंत्रालय ने कहा, ”केन्द्रीय भंडार ने आज से ही 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर आटे की बिक्री शुरू कर दी है।

हालांकि, एनसीसीएफ और नेफेड छह फरवरी से 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से आटे की आपूर्ति करेंगे।” इन संस्थानों द्वारा बेचे जाने वाले गेहूं के आटे का एमआरपी या अधिकतम खुदरा मूल्य, हालांकि, मौजूदा औसत अखिल भारतीय खुदरा मूल्य 38 रुपये प्रति किलोग्राम से कम है।

अनाज को आटे में बदलने और 29.50 रुपये प्रति किलो पर बेचने के लिए ओएमएसएस के तहत ई-नीलामी के बिना इन संस्थानों को लगभग तीन लाख टन गेहूं की पेशकश की जा रही है। जिनमें से एक-एक लाख टन क्रमशः केंद्रीय भंडार और नेफेड को आवंटित किया जा चुका है, जबकि 50,000 टन एनसीसीएफ को आवंटित किया गया है।

बैठक में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडार, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के प्रतिनिधि उपस्थित थे। देश में गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में घरेलू उत्पादन में गिरावट के कारण बढ़ोतरी हुई है।