अडानी ग्रुप ने दिया 413 पेज में आरोपों का जवाब
नई दिल्ली। सबसे अमीर भारतीय गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी ग्रुप ने रविवार को अमेरिकी इनवेस्टमेंट रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग (Hindenburg) की तरफ से लगाए गए आरोपों को भारत, इसके संस्थानों और इसकी ग्रोथ स्टोरी पर एक ‘सुनियोजित हमला’ बताया है। अडानी ग्रुप ने कहा है कि यह आरोप पूरी तरह से झूठे हैं।
413 पेज के जवाब में अडानी ग्रुप (Adani Group) ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘एक गुप्त नीयत’ से प्रेरित थी। इसका मकसद एक झूठा बाजार तैयार करना था, जिससे अमेरिकी फर्म को फायदा हो। जवाब में कहा गया है, ‘यह केवल किसी खास कंपनी पर अनुचित हमला नहीं है, बल्कि यह भारत, भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता, उनकी गुणवत्ता, ग्रोथ स्टोरी और भारत की महत्वाकांक्षा पर सुनियोजित हमला है।’
अडानी ग्रुप ने रविवार को कहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) का इकलौता मकसद सिक्योरिटीज में फॉल्स मार्केट (झूठा बाजार) तैयार है, जिससे शॉर्ट सेलर मुनाफावसूली कर सके।
अडानी ग्रुप का कहना है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में 88 सवालों के जवाब मांगे गए हैं, इनमें से 65 का खुलासा अडानी कंपनीज ने एनुअल रिपोर्ट्स में किया है। अडानी ग्रुप ने कहा है कि जो ऑडिटर्स शामिल हैं, वह संबंधित वैधानिक संस्थाओं से पूरी तरह सर्टिफाइड और क्वॉलीफाइड हैं। ग्रुप का कहना है कि दुनिया भर में शेयर गिरवी रखकर पैसा जुटाया जाता है।
अदाणी ग्रुप के जवाब पर हिंडनबर्ग का पलटवार
अदाणी ग्रुप के संबंध में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बाजार में भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। रिपोर्ट के असर से अदाणी समूह के शेयर 20-25 प्रतिशत तक टूटे हैं। अदाणी ने रिपोर्ट के बाद 413 पन्नों के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी। अब हिंडनरबर्ग ने अदाणी के जवाब के बाद एक बार फिर पलटवार किया है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि अदाणी समूह ने जितने भी सवालों के जवाब दिए वे बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते। सवालों से बचने की कोशिश की गई है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है।