नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के मामले में भारत ने दुनिया के बड़े देशों को पीछे छोड़ दिया है। डिजिटल पेमेंट में दुनिया के कुछ विकसित देशों को अभी भी समस्या आ रही है। वहीं, डिजिटल ऐसेट क्रिएशन में भारत वर्ल्ड लीडर बन कर उभरा है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum 2023) में कहा कि दिसंबर 2022 में भारत का डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन 1.5 ट्रिलियन डॉलर का रहा, जो यूएस, यूके, जर्मनी और फ्रांस के कंबाइन्ड डिजिटल पेमेंट्स से काफी ज्यादा है।
पिछले तीन सालों में भारत में डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन में तेजी से इजाफा हुआ है। डिजिटल पेमेंट के आसान और सुविधाजनक तरीके, जैसे भारत इंटरफेस फॉर मनी-यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (BHIM-UPI), तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) ने काफी बढ़ोतरी दर्ज की है।
इसने डिजिटल पेमेंट के इकोसिस्टम को भी बदल दिया है। साथ ही डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और रीयल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) जैसे पहले से मौजूद पेमेंट मोड भी तेजी से बढ़े हैं। इन सबके बीच BHIM-UPI यूजर्स के पसंदीदा पेमेंट मोड के तौर पर उभरा है।
सबसे ज्यादा पेमेंट UPI से: भारत में इस वक्त होने वाले सभी डिजिटल ट्रांजैक्शन में UPI की 40% हिस्सेदारी है। इसने छोटे व्यवसायों और स्ट्रीट वेंडर्स को बढ़ावा दिया है क्योंकि यह बहुत कम राशि के लिए भी बैंक-टू-बैंक ट्रांजैक्शन को फास्ट और सेफ बनाता है। यूपीआई कोविड-19 महामारी के दौरान भी यूजर्स के काफी काम आया और इससे यूजर्स कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन करने में बहुत मदद मिली।