पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड सारण के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर

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जयपुर। आरपीएससी के सेकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण के अवैध तरीके से बने मकान पर जेडीए ने शुक्रवार को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अब शनिवार से ड्रिल मशीन के जरिए 15 फीट में छत काटी जाएगी। उसके साथ ही पीछे के हिस्से में 8.3 फीट का हिस्सा काटा जाएगा। उसके बाद काटे गए हिस्से को ढहाया जाएगा।

पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार ने 4 सरकारी कर्मचारियों को भी बर्खास्त कर दिया है। इनमें सिरोही जिले के सीनियर टीचर भागीरथ, जालोर के जसवंतराम स्कूल के सीनियर टीचर रावताराम, ठेलिया स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश कुमार, चितलवाना झाब में तैनात सीनियर असिस्टेंट पुखराज शामिल हैं। इससे पहले जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई पूरी हुई।

ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला जेडीए के पक्ष में दिया। आदेश में जेडीए को अवैध हिस्सा तोड़ने और अप्रूव्ड हिस्सा सेफ रखने के लिए कहा गया। ट्रिब्यूनल ने भूपेंद्र सारण की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिए। सारण के वकील ने कोर्ट में स्वीकार किया कि उसने अवैध निर्माण किया है। जेडीए ने भी 4 पेज का जवाब पेश किया। जिसमें कहा गया कि ये साधारण अवैध निर्माण का मामला नहीं है, बल्कि हजारों बेरोजगारों के भविष्य और उनकी भावनाओं का मामला है।

गुरुवार को भूपेंद्र की पत्नी एलची सारण, भाई गोपाल सारण की पत्नी इंदूबाला सारण और खुद गोपाल सारण ने अलग-अलग दो अपील जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में लगाकर नोटिस को चुनौती दी थी। साथ ही कार्रवाई नहीं करने और मकान पर स्टे देने का आग्रह किया था। ट्रिब्यूनल के अलावा सारण की तरफ से एक याचिका हाईकोर्ट की जयपुर बैंच में भी लगाई गई थी।

हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। जबकि जेडीए ट्रिब्यूनल कोर्ट को निर्देश दिए कि इस मामले पर सुनवाई की जाए। जेडीए ने 10 जनवरी को भूपेन्द्र सारण और उसके भाई गोपाल सारण के पृथ्वीराज नगर रजनी विहार स्थित मकान पर नोटिस चस्पा करते हुए 12 जनवरी तक जवाब पेश करने और अवैध निर्माण हटाने को कहा था।