-कृष्ण बलदेव हाडा/आशीष मेहता-
कोटा। Beggar Free Kota Campaign: राजस्थान के कोटा में कर्मयोगी सेवा संस्थान ने जिला प्रशासन का सहयोग लेकर कोटा शहर को भिक्षुकों से मुक्त करने के लिए अभियान छेड़ने का निर्णय किया है। इस अभियान के तहत जिला प्रशासन के सहयोग का सहयोग लेकर कर्मयोगी सेवा संस्थान जरूरतमंद भिक्षुकों की पहचान करके उन्हें काम-धंधे से जोड़ेगा ताकि वे भिक्षावृत्ति की प्रवृत्ति से दूर रहकर अपना जीवन यापन कर सके।
कर्म योगी सेवा संस्थान की ओर से मकर संक्रांति महोत्सव के तहत आयोजित किए जा रहे चार दिवसीय कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को दूसरे दिन इस अभियान की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई, जिसमें जिला कलक्टर ओपी बुनकर समेत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
संस्थान के अध्यक्ष राजाराम जैन कर्म योगी ने बताया कि जिला प्रशासन, नगर निगम एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयोजन में कर्मयोगी सेवा संस्थान के सहयोग से शुक्रवार को प्रातः 11 बजे जिला कलेक्टर ओपी बुनकर, जयपुर से आए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त निर्देशक एवं कोटा जिला प्रभारी लखपत मीणा और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने भिखारी मुक्त कोटा अभियान के अंतर्गत स्वरोजगार से जुड़ने के इच्छुक तीन दिव्यांग भिक्षुकों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवाते हुए माला पहना कर विधिवत शुभारंभ किया।
स्वरोजगार से जुड़ने से जुड़ने वालों में 45 वर्षीय दिव्यांग मोहम्मद इकबाल, 25 वर्षीय निशा केवट, 27 वर्षीय शंभू सिंह मराठा दोनों पैरों से दिव्यांग हैं एवं बचपन से ही कोटा शहर में भीख मांग कर गुजारा कर रहे हैं। ये कोटा में किशोर सागर तालाब के किनारे फुटपाथ पर अपने परिवार के साथ टापरी में ही सोते हैं। कर्मयोगी सेवा संस्थान को कोटा शहर में विभिन्न क्षेत्रों में भीख मांग रहे भिखारियों को चिन्हित करने लिए अधिकृत किया है।
इसके लिए नगर निगम कोटा उत्तर नयापुरा बस स्टैंड स्थित रेन बसेरे में भिखारियों को प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए उपलब्ध करवाने के लिये निर्देशित किया है। साथ ही निगम के द्वारा उनके भोजन की व्यवस्था भी इंदिरा रसोई के माध्यम से निर्धारित की गई है।
संस्थान के अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी ने जिला प्रशासन के निर्देशानुसार प्रथम चरण में ऐसे परिवारों से संपर्क करते हुए भिक्षावृत्ति से दूर होने एवं स्वरोजगार से जुड़कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया था, जिसके फलस्वरूप तीनों विकलांगों ने रोजगार से जुड़ने की सहमति प्रदान की थी। जिला प्रशासन ने तीनों विकलांगों को तिपहिया रिक्शा उपलब्ध करवाया है।
कर्मयोगी सेवा संस्थान ने प्रत्येक तिपहिया रिक्शे पर पांच हजार रुपए की नमकीन, बिस्किट पाउच आदि सामग्री उपलब्ध करवाते हुए रोजगार प्रारंभ करवाया है। इस अवसर पर संस्थान की संयोजिका अलका दुलारी जैन व कर्मयोगी कार्यकर्ता संजय कुमार, विजय जैन, जितेंद्र जैन, मनोज जैन आदिनाथ, कोटा उत्तर अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा और लक्ष्मी नारायण गर्ग उपस्थित रहे।