राजकोषीय घाटा जीडीपी के अनुपात में 4.5 फीसदी हो: आशिमा गोयल

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नई दिल्ली। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि कि वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी(GDP) के 4.5% पर रखने की कोशिश होनी चाहिए।

उन्होंने उम्मीद जताई कि सब्सिडी कम हो सकती है क्योंकि खाद्य व ऊर्जा की कीमतें कम हो रही हैं। गोयल ने कहा, 2000 के दशक में की गई गलती से बचा जाना चाहिए। उस समय कर राजस्व से ज्यादा खर्च हुआ था। मौजूदा आर्थिक नीति अच्छी है।

गोयल ने कहा कि अगले साल पेश होने वाले बजट में ज्यादा पारदर्शिता की जररूत है। वर्तमान और भविष्य में किसी भी नई योजना के लिए जो भी वित्त की जरूरतें हों, उनका जरिया स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए।

आशिमा गोयल ने कहा कि सरकार राजस्व के एक बड़े हिस्से को कर्ज पर ज्यादा ब्याज के रूप में भुगतान कर रही है। सरकार को केवल उत्पादकता वाले क्षेत्रों के लिए उधारी लेनी चाहिए, जो ज्यादा कर और अन्य राजस्व को जुटा सके।

गोयल ने बताया कि पिछले 10 महीने यूक्रेन युद्ध वाले रहे हैं। इसने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और खाद्य कीमतों को बढ़ाया है। इसके लिए भारत विशेष रूप से संवेदनशील है।