-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोचिंग सिटी के नाम से पहचाने जाने वाले कोटा में मंगलवार को एक ही दिन में तीन कोचिंग छात्रों के आत्महत्या की घटना के बाद चिंतित प्रशासन ने आज फिर कोचिंग संस्थान प्रबंधकों और हॉस्टल संचालकों की बैठक बुलाकर उन्हें कोचिंग छात्रों के बारे में पहले से तय गाइडलाइन (Guideline) की सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए।
जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कहा गया कि राज्य सरकार की कोचिंग संस्थानों के लिए बनाई गई गाइडलाइन की पालना सभी संस्थान अनिवार्य रूप से करें। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोचिंग संस्थानों के निरीक्षण के लिए जिन प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को नियुक्त कर रखा है, वे नियमित रूप से प्रतिमाह भ्रमण कर कोचिंग संस्थानों में गाइडलाइन की पालना कराने के साथ उल्लंघन पाए जाने पर जिला स्तरीय समिति को रिपोर्ट करें।
उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों में अध्ययन के समय 100 से अधिक बच्चे किसी भी बैच में नहीं रखे जाएंगे, ताकि टीचर उन्हें अच्छी तरह पढ़ा सकें। जिला मजिस्ट्रेट ने कोचिंग संस्थाओं के बाहर प्रमुख आवश्यक दूरभाष नंबर, हेल्पलाइन नंबर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।
कोचिंग संस्थानों में काउंसलर की नियुक्ति हो
सभी कोचिंग संस्थानों में काउंसलर की नियुक्ति शैक्षणिक योग्यता के आधार पर की जाए। विद्यार्थियों के लिए प्रति सप्ताह खेलकूद की गतिविधियां भी आयोजित की जाएं। कोचिंग संस्थान प्रवेश के समय विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की काउंसलिंग अनिवार्य रूप से करने, काउंसलिंग के समय ही मेडिकल व आईटी क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में विकल्प की जानकारी दें। बच्चों को इस बात के लिए भी जागरूक करें कि हॉस्टलों में एक-दूसरे की समस्या को जानें, सहायता करें तथा हॉस्टल या कोचिंग में बताएं जिससे उनकी मदद की जा सके।
साप्ताहिक अवकाश जरूरी
पुलिस अधीक्षक (शहर) केसर सिंह शेखावत ने कहा कि सभी कोचिंग संस्थानों में साप्ताहिक अवकाश एवं दूसरे दिन परीक्षा नहीं करने की पालना अनिवार्य रूप से कराई जाए। किसी भी विद्यार्थी में तनाव की स्थिति में अथवा अनुपस्थित रहने पर उसकी सूचना नजदीकी थाने में अनिवार्य रूप से दी जाए।
बच्चे के गायब होने पर कोचिंग जिम्मेदार
कोचिंग क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों के भ्रमण, अनावश्यक दुकानों पर लोगों के आने-जाने की निगरानी रखे। कोचिंग में विद्यार्थियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक सिस्टम से अनिवार्य की जाए। अन्यथा कहीं भी बच्चे के गायब होने पर कोचिंग संस्थान को भी जिम्मेदार माना जाएगा।
नोडल अधिकारी एसडीएम कोटा होंगे
राज्य सरकार की कोचिंग संस्थानों के लिए बनाई गई गाइड लाइन के अनुसार जिला स्तरीय को कोचिंग संस्थानों के स्टाफ की सूचना उपलब्ध करवाने के लिए नोडल अधिकारी एसडीएम कोटा होंगे। जिला प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों की शिकायतें प्राप्त करने के लिए ई-शिकायत पोर्टल बनाया जाएगा। सभी कोचिंग संस्थानों में काउंसलर नियुक्त कर उनकी शैक्षणिक योग्यता, पता सहित जिला स्तरीय समिति को उपलब्ध कराएंगे।
कोचिंग क्षेत्रों में वैलनेस सेंटर
थानेवार कोचिंग क्षेत्रों का विभाजन कर प्रशासनिक एवं राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारियों को जिम्मेदारी तय की गई है। कोचिंग क्षेत्रों में जवाहर नगर, सिटी सेंटर, कोरल पार्क, लैंड मार्क सिटी में वैलनेस सेंटर विकसित किए जाएंगे। जिनमें खेलकूद, मनोरंजन की व्यवस्था रहेगी। वहां सादा वर्दी में पुलिस तैनात रहेगी।
कोचिंग संस्थानों में हेल्प डेस्क
कोचिंग संस्थानों में हेल्प डेस्क पर आईटी, मेडिकल के अलावा अन्य विकल्पों का प्रदर्शन किया जाएगा। प्रवेश परीक्षा को बढ़ा चढ़ाकर प्रदर्शित नहीं करेंगे। भ्रामक विज्ञापन जारी नहीं होंगे, जिनमें सिलेक्शन की गारंटी नहीं दी जाएगी। सभी कोचिंग संस्थान विज्ञापनों को जारी करने से पूर्व जिला प्रशासन को उसकी प्रति उपलब्ध कराएंगे।
टेस्ट में रैंकिंग का उल्लेख नहीं होगा
प्रत्येक कोचिंग संस्थान में नामांकित बच्चों के पता, मोबाइल नंबर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए जाएंगे। कोचिंग संस्थान प्रवेश के समय अपने प्रोस्पेक्ट में जिला प्रशासन के शिकायत निवारण तंत्र की जानकारी डालेंगे। ईजी-एग्जिट पोलिसी का भी उल्लेख करेंगे। विद्याार्थियों की कोचिंग में आयोजित होने वाले मासिक टेस्ट में रैंकिंग का उल्लेख नहीं किया जाएगा।
100 से अधिक विद्यार्थी एक बैच में नहीं होंगे
प्रत्येक कोचिंग में 100 से अधिक विद्यार्थी एक बैच में नहीं होंगे। कोचिंग संस्थानों के आसपास बच्चों के लिए भोजन के लिए कैंटीन की व्यवस्थाएं रहेगी।
बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर शहर बृजमोहन बैरवा राज्य सरकार की गाइडलाइन के बारे में बिंदुवार जानकारी दी।
बैठक में यह रहे मौजूद
इस अवसर पर एडीएम प्रशासन राजकुमार सिंह, एएसपी शहर प्रवीण जैन, आयुक्त नगर निगम वासुदेव मलावत, दक्षिण राजपाल सिंह, सीईओ जिला परिषद ममता तिवारी, डीआईजी (स्टाम्प) बीके तिवारी, उपसचिव यूआईटी चंदन दुबे, मोहम्मद ताहिर, उपायुक्त नगर निगम गजेंद्र सिंह सहित सभी कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।