-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Suicide case of coaching students: कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर ने कहा कि कोटा में कोचिंग एक कारोबार बन गया है। कोचिंग कारोबारियों ने अपने इस कारोबार को आगे बढ़ाने की होड़ में छात्रों पर इतना अधिक शैक्षणिक दबाव बना दिया है कि उनमें से कुछ छात्र आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं। ऎसे मामलों में कोचिंग कारोबारियों के खिलाफ व्यक्तिगत मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
राजस्थान में कोचिंग सिटी का दर्जा हासिल करने वाले कोटा में मंगलवार को एक ही दिन में तीन कोचिंग छात्रों के आत्महत्या करने के मामले में अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने जिला मजिस्ट्रेट को भेजे पत्र में कहा कि छात्रों को तनाव रहित माहौल दिए जाने की आवश्यकता है। उन पर तनाव हटाने के लिये अहम काम किये जाने की आवश्यकता है।
भरत सिंह ने कहा कि कोचिंग के लिहाज से देश भर में कोटा की चूंकि एक अलग ही पहचान है। इसलिए देश भर के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में छात्र नये जोश-नई उमंग और कुछ कर गुजरने की महत्वाकांक्षा के साथ कोचिंग के लिए यहां आते हैं। लेकिन, कुछ छात्रों का ऐसा दर्दनाक अंत देखना सचमुच काफी दुखद है।
भरत सिंह ने कहा कि कोटा में कुछ कोचिंग कारोबारियों ने कोचिंग को छात्रों के शैक्षणिक उत्थान की दृष्टि से शिक्षा देने का जरिया बनाने की जगह लाभकारी धंधा बना दिया है। अच्छे परिणाम प्रदान करने की दौड़ में कोचिंग संचालकों का इन छात्रों पर भारी दबाव बन जाता है। बहुत से ऐसे छात्र होते हैं जो यह दबाव सहन नहीं कर पाते और उनमें से कुछ छात्र तो आत्महत्या जैसा ह्रदय विदारक फैसला करने को मजबूर हो जाते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री की कमान थामे इन कारोबारियों का भारी राजनीतिक-प्रशासनिक दबदबा है। इस कारण जब कभी ऐसे निर्दोष छात्र आत्महत्या करने जैसा ह्रदय विदारक कदम उठाने को मजबूर होते हैं, तो ऐसे मामलों में भी कानूनी एवं मानवीय पक्षों की अवहेलना करके अपने राजनीतिक प्रशासनिक रसूख के बूते कोचिंग मालिकों के दबाव में इन मामलों को दबा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि कोचिंग छात्रों के आत्महत्या करने के मामलों में दर्ज होने वाली प्राथमिक रिपोर्ट पर जल्दी ही अंतरिम रिपोर्ट लगा दी जाती है। आज जरूरत इस बात की है कि ऐसे मामलों में कोचिंग संस्थानों की भूमिका की विस्तार से जांच-पड़ताल होनी चाहिए। छात्रों के आत्मघाती कदम उठाने के मामले सामने आते हैं तो उनमें कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच कर कोचिंग मालिकों के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भरत सिंह ने कहा कि कोटा के प्रशासनिक तंत्र में ऐसे अधिकारियों की कमी नहीं है जो कोटा में अपनी पदस्थापना इसीलिए करवाए हुए हैं, ताकि उनके बच्चे कोटा की कोचिंग संस्थानों में अध्ययन कर सकें। ऐसे अफसरों से कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्यवाही की क्या उम्मीद की जा सकती है? ऐसे मामलों में प्रशासन को उच्च स्तर पर जांच करवानी चाहिए।