नई दिल्ली। विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा बढ़ा है। विदेशी निवेशक शेयर बाजार में लगातार निवेश कर रहे हैं। अभी दिसंबर का महीना आधा भी नहीं हुआ है और विदेशी निवेश बाजार में जमकर निवेश कर रहे हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
इससे पिछले महीने भी एफपीआई ने 36,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। डॉलर सूचकांक में गिरावट के बीच एफपीआई का भारतीय बाजारों में निवेश जारी है। हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर निर्णय से पहले पिछले चार सत्रों में एफपीआई ने शेयरों से 3,300 करोड़ रुपये निकाले हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर एफपीआई सिर्फ कुछ अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में मामूली खरीद करेंगे। वहीं ऐसे क्षेत्रों में वे मुनाफा काटेंगे जहां वे लाभ में हैं। उन्होंने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे सस्ते बाजारों में एफपीआई अधिक पैसा लगा सकते हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से नौ दिसंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले नवंबर में भी उन्होंने 36,239 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। वहीं इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने शेयरों से आठ करोड़ रुपये निकाले थे। सितंबर में भी उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
फेडरल रिजर्व की होनी है बैठक
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले चार सत्रों में एफपीआई की बिकवाली की वजह संभवत: फेडरल रिजर्व की आगे होने वाली बैठक है। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की इस साल के लिए अंतिम बैठक 13-14 दिसंबर को होनी है। शेयरों के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में ऋण या बॉन्ड बाजार में 2,467 करोड़ रुपये डाले हैं। इस महीने अन्य उभरते बाजारों मसलन फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाइलैंड और इंडोनेशिया में भी एफपीआई का प्रवाह नकारात्मक रहा है।