राहुल गांधी ने आड़ा गेला गांव में बैलगाड़ी चलाने का उठाया लुत्फ

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राहुल गांधी बैलगाड़ी का लुत्फ उठाते हुए।

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को बूंदी जिले में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ग्रामीण भारत के परंपरागत यातायात के साधन रही बैलगाड़ी चलाने का लुत्फ उठाया।

राहुल गांधी ने आज बूंदी जिले के बलदेवपुरा गांव से सुबह 6:07 बजे से अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। बलदेवपुरा से चलकर वे पहले देहीखेड़ा गांव पहुंचे और वहां से आड़ा गेला गांव के बालाजी के स्थान पर आए।

यहीं पर बूंदी के पूर्व जिला प्रमुख रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महावीर मीणा खुद बैलगाड़ी चलाते हुये राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने के लिए जब उनके पास पहुंचे तो उनकी भी इच्छा हुई कि वह बैलगाड़ी की सवारी करके देखे। उन्होंने महावीर मीणा के हाथों से बैलों की रास अपने हाथ में लेकर कुछ दूरी तक बैलगाड़ी चलाई।

जिस समय राहुल गांधी बैलगाड़ी को चला रहे थे या उसमें बैठे थे तो उनका चेहरा काफी खिला हुआ था। वह बड़े हल्के-फुल्के मजाकिया मूड में नजर आ रहे थे। अतीत के ग्रामीण भारत के इस परंपरागत साधन पर सफर करने के थोड़ी देर बाद राहुल गांधी ने आधुनिक यातायात के साधनों में शामिल हेलीकॉप्टर से अपना सफर शुरू किया।

वे कापरेन के पास बनाए गए अस्थाई हेलीपैड पर पहुंचे, जहां से वे हेलीकॉप्टर में बैठकर सवाई माधोपुर के लिए रवाना हो गए। जहां से उनका कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को साथ लेकर शिमला जाने का कार्यक्रम है। उन्हें कांग्रेस की नवगठित होने जा रही सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेना है।गांवों से

बैलगाड़ियां हो रही लुप्त
उल्लेखनीय है कि पहिए के आविष्कार के बाद कई सदियों तक ग्रामीण भारत में आवागमन का प्रमुख साधन रही बैलगाड़ियां अब धीरे-धीरे गांव से भी विलुप्त होती जा रही हैं। पहले यातायात के साधन के अलावा गांव में किसान बैलों का खेतों में फसल के लिए बीज की रोपाई में भी व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल करते थे। अब उनकी जगह ट्रैक्टरों ने ले ली है।

प्रदर्शनी की वस्तु बनी बैलगाड़ी
बैलगाड़ियां अब चुनिंदा किसानों के पास ही बची हैं और खेती के कामों में बैलों का उपयोग अब बहुत कम रह गया है। अब तो इस स्थिति तक बन रही है कि बड़े शहरों खासतौर से महानगरों में भी लगने वाली हस्तकलाओं की प्रदर्शन के लिए लोगों को दिखाने हेतु बैलगाड़ी को प्रदर्शित किया जा रहा है।