राहुल गांधी के स्वागत के लिए तैयार कोटा, शहर भर को सजाया

0
195

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।
कन्या कुमारी से रवाना होकर 2300 किलोमीटर लंबी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के स्वागत के लिए कोटा शहर तैयार है। श्री गांधी संभवत 8 दिसंबर को कोटा-झालावाड़ रोड़ पर जगपुरा में रात्रि विश्राम के बाद अगली सुबह कोटा शहर में आएंगे।

हालांकि उनका कोटा शहर में किसी नुक्कड़ सभा जैसा कार्यक्रम नहीं है लेकिन कोटा शहर की सीमा में प्रवेश करने के बाद जिन रास्तों से होकर उनके गुजरने की संभावना है, वहां स्थित वहां की सड़कों को रंग-रोगन कर सजाया जा रहा है और रास्ते भर में जिन स्थानों को सौंदर्यकरण की दृष्टि से बीते सालों में विकसित किया गया है,उनकी साज-सज्जा को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।

कोटा शहर में नयापुरा इलाके में स्थित उम्मेद क्लब में राहुल गांधी का दोपहर के भोज का कार्यक्रम है। उसके बाद वे 9 दिसम्बर को नॉर्दन बाईपास होते हुए केशवरायपाटन के पास गुड़ली फाटक से बूंदी जिले में प्रवेश कर जाएंगे। गुड़ली फाटक पर उनका रात्रि विश्राम का कार्यक्रम है।

कोटा शहर की सीमा में प्रवेश करने के बाद राहुल गांधी बंद पड़े कारखाने इंस्ट्रूमेंटेशन लि. से पहले उस स्थान पर पहुंचेंगे जहां पिछली कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान करीब एक दशक पहले नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर तत्कालीन नगर विकास न्यास अध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने उन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की लैपटॉप लिए हुए प्रतिमा की स्थापना की थी जिन्हें भारत में दूरसंचार क्रांति का जनक माना जाता है।

बताया जाता है कि राहुल गांधी वहां अपने दिवंगत पिता राजीव गांधी को सूत की माला पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिसे जयपुर से मंगवाया जायेगा। चूंकि कोटा को देश में कोचिंग सिटी के रूप में जाना जाता है और यहां पूरे देश भर से विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में भाग लेने की तैयारियों के सिलसिले में कोचिंग के लिए छात्र आते हैं। इसे मद्धेनजर रखते हुए यहां स्थान नियत कर वहां कोटा में कोचिंग कर रहे छात्रों से राहुल गांधी की मुलाकात और सीधे वार्तालाप की व्यवस्था की जा सकती है।

राहुल गांधी की कोचिंग छात्रों से मुलाकात
इस मौके पर राहुल गांधी शैक्षणिक मुद्दों पर और देश में शिक्षा के माहौल पर कोचिंग छात्रों से सीधे संवाद कर सकते हैं। राहुल गांधी इसके बाद विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए नयापुरा में अंटाघर चौराहे के नजदीक जाएंगे, जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत छोड़ो आंदोलन की चर्चा करते हुए की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है।

उम्मेद क्लब का वास्तविक नाम क्रोस्टवेट इन्स्टीट्यूट
यह काम भी इसी कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान कोटा नगर विकास न्यास ने करवाया है। इसका अवलोकन के बाद वहां से भी उम्मेद क्लब जाएंगे जहां दोपहर का भोजन ग्रहण करेंगे। रियासतकाल में कोटा के महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय के शासनकाल में बनाए गए इस ऐतिहासिक भवन उम्मेद क्लब का वास्तविक नाम क्रोस्टवेट इन्स्टीट्यूट है। देश की आजादी के बाद इसका नाम बदल कर तत्कालीन महाराज उम्मेद सिंह की याद में उनके ही नाम से उम्मेद क्लब कर दिया गया। यह भवन अपनी भव्य आंतरिक एवं बाहरी साज-सज्जा के लिए कोटा शहर में अलग ही पहचान रखता है।

क्या है क्रॉस्थवेट इंस्टीट्यूट
कोटा के जाने-माने इतिहासकार दिवंगत डॉ. जगत नारायण की पुस्तक ‘ कोटा के महाराव उम्मेदसिंह द्वितीय के अनुसार रियासतकाल में 5 दिसम्बर 1896 को तत्कालीन महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय ने अपने मानाभिषेक के जलसे में अंग्रेज एजीजी क्रॉस्टवेट (Agg Crossweight) के समक्ष यह घोषणा की थी कि वह आज के दिवस को यादगार बनाने के लिए एक पुस्तकालय व क्रीड़ांगन का निर्माण करेंगे, जिसका नाम क्रॉस्थवेट इंस्टीट्यूट (Krasthwaite Institute) होगा।

भवन की डिजाइन
इस भवन की डिजाइन के लिए एक प्रतियोगिता कराई गई जिसमें कोलकाता, ग्वालियर, इलाहाबाद, गया, जयपुर, शिलॉग, मुंबई और कोटा की 9 फर्मो तथा व्यक्तियों ने भाग लिया। 1 अप्रैल, 1897 को किए गए इस चुनाव में कोटा के स्टेट इंजीनियर, आरएच टिकेल के डिजाइन का चुनाव महाराव, दीवान एवं पॉलिटिकल एजेंट ने मिलकर किया और पसंद की गई डिजाइन की एवज मि.टिकेल को 500 रुपए का नगद पुरस्कार दिया गया था।

भवन की आधारशिला
26 जनवरी 1896 को एजीजी क्रॉसवेट ने स्वयं इस भवन की आधारशिला रखी। इसकी नींव में कुछ ब्रिटिश और कुछ कोटा के सिक्के तथा समाचार पत्र रखे गए थे। महाराव के मानाभिषेक एवं झालावाड़ के परगनों की वापसी पर एजीजी क्रॉस्थवेट से बहुत मदद मिली थी और इस उपकार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए महाराव ने उनके नाम को यादगार स्वरूप इस भवन के साथ जोड़ा।

भवन की लागत
उस समय इस भवन पर अनुमानित व्यय 46 हजार 837 रुपए हुआ इसके अतिरिक्त 11 हजार 341 रुपए की स्वीकृति फर्नीचर के लिए तथा पांच सौ एवं हजार रुपए की प्राथमिक किश्तें की पुस्तकों खरीद के लिये के लिए की गई थी।

आकर्षक साज-सज्जा
महाराव के शासनकाल के दौरान इस भवन में टेबल टेनिस, बिलियर्ड, टेबल टेनिस, बैडमिंटन एवं लॉन टेनिस, क्रिकेट के नियमित रूप से खेले जाने की व्यवस्था थी। महाराव भी प्रतिदिन क्लब में अपने राज्य के प्रमुख अधिकारियों से बैठक कर आवश्यक परामर्श का कार्य करते थे और जन भावनाओं की जानकारी प्राप्त करते थे। इमारत को और अधिक भव्यता प्रदान करने के लिए राहुल गांधी की कोटा यात्रा को देखते हुए यहां आकर्षक साज-सज्जा और विद्युत प्रकाश की व्यवस्था की गई है।