माल्या के भारत लौटने की संभावना कम, यूबीएल का अध्यक्ष पद छोड़ने को राजी

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मुंबई। विजय माल्या को यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड (यूबीएल) के बोर्ड से हटने के लिए मना लिया गया है और वह अपने उत्तराधिकारी के नाम का जल्द ही ऐलान करेंगे। दरअसल, सेबी के एक आदेश की वजह से माल्या किसी भी लिस्टेड कंपनी के डायरेक्टर नहीं हो सकते, इसलिए उनका बोर्ड से हटना तय था।

सूत्रों ने बताया कि माल्या की स्वेच्छा से भारत लौटने की संभावना भी कम हो गई है और बोर्ड से हटने की एक वजह यह भी है। सूत्रों ने यह भी कहा कि माल्या ने अपने उत्तराधिकारी की पहचान जाहिर नहीं की है।

बैंकों के माल्या को ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित करने के बाद सेबी ने उन्हें बोर्ड से हटाने के लिए कहा था। वहीं, हेनेकेन और माल्या के बीच आर्टिकल्स ऑफ असोसिएशन के मुताबिक माल्या ताउम्र कंपनी के चेयरमैन और नॉन-रिटायरिंग डायरेक्टर रह सकते हैं, बशर्ते वह किसी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त नहीं करते या स्वेच्छा से बोर्ड से बाहर नहीं होते।

यूबीएल में हेनेकेन और माल्या ज्वाइंट वेंचर पार्टनर हैं। इस बारे में ईमेल से पूछे गए सवालों का माल्या ने जवाब नहीं दिया और हेनेकेन ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। यूबीएल ने अपने एक डायरेक्टर सी वाई पाल को ऐक्टिंग चेयरमैन नियुक्त किया है। बोर्ड कॉर्पोरेट गवर्नेंस रूल्स का हवाला देकर चेयरमैन नियुक्त करने का दबाव डाल रहा है।

एक बोर्ड मेंबर ने कहा, ‘बोर्ड अच्छी तरह से काम कर रहा है और कंपनी का कामकाज भी बढ़िया चल रहा है। हालांकि, जब मौजूदा चेयरमैन बोर्ड में डायरेक्टर की भूमिका नहीं निभा रहे हों और उन्हें रेग्युलेटरी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हो, तब ऐक्टिंग चेयरमैन नियुक्त करना बेस्ट कॉरपोरेट गवर्नेंस नहीं है।’

माल्या के लिए अपना प्रतिनिधि चुनना आसान नहीं होगा, भले ही कंपनी के कई एग्जिक्यूटिव्स उनके वफादार हैं। वह जिसे अपना प्रतिनिधि बनाएंगे, उसे रेग्युलेटरी अथॉरिटीज की जांच का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों ने बताया कि इस साल के अंत तक वह अपने प्रतिनिधि के नाम का ऐलान कर सकते हैं।

एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘माल्या अब बोर्ड के डायरेक्टर नहीं रह जाएंगे। इसलिए उन्हें एक नॉमिनी चुनना होगा। अगर हालात बिगड़ते हैं तो उन्हें हेनेकेन के नॉमिनी को भी स्वीकार करना पड़ सकता है।’ माल्या 2016 में भारत से ब्रिटेन फरार हो गए थे।

बैंक उनसे 9,000 करोड़ रुपये का लोन रिकवर करने की कोशिश कर रहे हैं और जांच एजेंसियां उनसे कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ करना चाहती हैं। भारत ने ब्रिटेन से उनके प्रत्यर्पण की मांग की है। हाल ही में कुछ समय के लिए ब्रिटिश पुलिस ने माल्या को हिरासत में भी लिया था।