35 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों को कॉस्ट रिकार्ड्स रखना जरूरी

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कम्पनीज कॉस्ट ऑडिट एवं रिकॉर्ड रूल्स पर सेमिनार आयोजित

कोटा। दी इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया-कोटा चैप्टर की ओर से कम्पनीज कॉस्ट ऑडिट एवं रिकॉर्ड रूल्स पर बुधवार को सेमिनार का आयोजन सीएमए भवन पर किया गया। सेमिनार में चैप्टर चेयरमैन सीएमए आकाश अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया।

कोटा चैप्टर प्रोफेशनल डवलपमेन्ट कमेटी चेयरमैन एवं मुख्य वक्ता सीएमए एसएन मित्तल ने कम्पनीज कॉस्ट ऑडिट एवं रिकॉर्ड रूल्स, 2014 में आज तक हुए संशोधित नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया की सभी कंपनियां जिनका गत वर्ष का वार्षिक टर्नओवर 35 करोड़ से अधिक है, उन्हें कॉस्ट रिकार्ड्स रखना तथा रेगुलेटरी कम्पनीज में 50 करोड़ एवं नॉन रेगुलेटरी कम्पनीज में 100 करोड़ से अधिक गत वर्ष का टर्नओवर होने पर कॉस्ट अकाउंटेंट्स से कॉस्ट ऑडिट करना अनिवार्य है।

इस अवसर पर मित्तल ने लागत लेखाकार की नियुक्ति से कॉस्ट ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार को भेजने तक के के नियम बताए। उन्होंने कॉस्ट ऑडिट नियमों के साथ कॉस्ट रिकॉर्ड रखने तथा कॉस्ट ऑडिट करने संबंधी प्रैक्टिकल समस्याओं को भी बताया। उन्होंने कंपनी डायरेक्टर को कॉस्ट रिकॉर्ड रखने की रेस्पोंसिबिलिटी एवं पेनल्टी प्रोविजन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जो सेक्शन 134, सब सेक्शन( 8) के अनुसार कम्पनी के लिए पचास हजार से पच्चीस लाख तक हो सकता है तथा कम्पनी का प्रत्येक अधिकारी जो डिफाल्ट है, उसे 3 साल तक की जेल या फाइन जो पचास हजार से पच्चीस लाख तक हो सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।

चैप्टर जोइंट सेक्रेटरी सीएमए जय बंसल ने संचालन किया तथा चैप्टर सेक्रेटरी सीएमए तपेश माथुर ने आभार वयक्त किया। सेमिनार में चैप्टर वाईस चेयरमैन सत्यवान शर्मा, सुरेन्द्र प्रकाश गुप्ता, ट्रेजरार अशोक कुमार जैथलिया, डायरेक्टर कोचिंग मुकुट बिहारी सोंखिया, चैप्टर फाउंडर सेक्रेटरी रामप्रसाद व्यास, फास्ट चैयरमेन जगदीश शारदा समेत कई सदस्यों एवं स्टूडेंट्स ने भाग लिया। साथ ही एक होटल में मेंबर्स मीट का आयोजन भी किया गया।