नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय में रविवार को कहा कि विशिष्ट खाद्य तेलों पर जारी रियायती आयात शुल्क मार्च 2023 तक जारी रहेगा। सरकार की ओर से यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब वैश्विक अस्थिरता के चलते देश में महंगाई 7 प्रतिशत पर बनी हुई है। इससे खाद्य तेलों की कीमतें कम रखने में सरकार को मदद मिलेगी।
बता दें, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की ओर से 31 अगस्त 2022 को ये निर्णय लिया था, जिससे देश में खाद्य तेल की आपूर्ति को बढ़ाया जा सके। ताजा बयान में खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि विशिष्ट खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में छूट मार्च 2023 तक जारी रहेगी।
मंत्रालय ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आने के कारण देश में भी कीमतें तेजी से नीचे जा रही हैं। इसके कारण भारत में रिटेल खाद्य तेलों की कीमतों में भी गिरावट आ रही है। क्रूड पाम ऑयल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम ऑयल, क्रूड सोयाबीन ऑयल, रिफाइंड सोयाबीन ऑयल, क्रूड सनफ्लावर ऑयल और रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल पर मौजूदा शुल्क संरचना में 31 मार्च 2023 तक कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
शून्य है आयात शुल्क: मौजूदा समय में पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर आयात शुल्क शून्य है। वहीं, अगर पांच प्रतिशत एग्री सेस और उस पर 10 प्रतिशत सोशल वेलफेयर सूचकांक को मिला लिया जाए, तो इन तीनों खाद्य तेलों पर 5.5 प्रतिशत का कर लिया जा रहा है।
खाद्य तेल आयात करता है भारत: भारत अपनी जरूरत का करीब 60 प्रतिशत खाद्य तेल विदेशों से आयात करता है। पिछले कुछ महीनों में वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के कारण खाद्य तेलों की कीमतें ऊंचाई पर पहुंच गई थी। हालांकि अब उनकी कीमतों में कमी आनी शुरू हो गई है।