कोटा। JEE Main Paper Analysis: बीई-बीटेक कोर्स में प्रवेश के लिए देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के दूसरे सेशन जेईई मेन-जुलाई (JEE Main July Session) के चौथे दिन की परीक्षा गुरुवार को कम्प्यूटर बेस्ड मोड पर हुई।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि स्टूडेंट्स के फीडबैक व सीसैट पर प्राप्त रिस्पॉन्सेज के आधार पर पेपर का एनालिसिस किया गया है। स्टूडेंट्स के अनुसार इस बार मैथ्स का पेपर एडवांस लेवल का आ रहा है।
जुलाई सेशन में एक बार भी पेपर का डिफिकल्टी लेवल आसान या मध्यमस्तरीय नहीं रहा। फिजिक्स के पेपर में शाम की पारी में फ्लुइड मैकेनिक्स के एक प्रश्न का उत्तर उसके चारों विकल्पों में नहीं मिला।
फिजिक्स: सुबह की पारी में फिजिक्स का पेपर आसान तो रहा लेकिन कुछ कैलकुलेशन ने स्टूडेंट्स को उलझाए रखा। लगभग सभी टॉपिक्स को कवर करते हुए प्रश्न पूछे गए थे। कारनोट इंजिन से संबंधित एक प्रश्न को लेकर स्टूडेंट्स को आपत्ति रही। एरर टॉपिक से संबंधित एक प्रश्न था। जोकि स्तर पर ग्रेविटेशन ऑन सरफेस (Level Gravitation on Surface) पर आधारित था। एक प्रश्न पीओसी में मॉड्यूलेशन इंडेक्स पर आधारित था। इसके अलावा केएनएम, मैग्नेटिज्म, एसी, थर्मोडाइनेमिक्स, एलास्टिसिटी, करंट इलेक्ट्रिसिटी, कैपेसिटी, ऑप्टिकल इंस्ट्रूमेंट से भी प्रश्न थे। ओवरऑल पेपर आसन था। शाम की पारी में फिजिक्स का पेपर जून के पेपर की अपेक्षा लेन्दी था लेकिन स्टूडेंट्स ने बताया कि करीब 50 मिनट में पूरा पेपर सॉल्व किया जा सकता था। लगभग सभी टॉपिक्स से प्रश्न पूछे गए थे। फ्लुइड मैकेनिक्स के एक प्रश्न का उत्तर उसके चारों विकल्पों में नहीं मिला।
कैमिस्ट्री: सुबह की पारी में कैमिस्ट्री का पेपर आसान रहा और सामान्य रहा। जिसमें सेक्शन ए में ऑब्जेक्टिव व सेक्शन बी में न्यूमेरिकल थे। फिजीकल कैमिस्ट्री से प्रश्न कम जबकि ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री व इनऑर्गेनिक कैमिस्ट्री के प्रश्न ज्यादा थे। शाम की पारी का पेपर आसान था। जिसमें सेक्शन 1 में दो प्रश्न असरशन रीजनिंग टाइप के थे। एफ ब्लॉक के एलीमेंट का नॉन आइसोइलेक्ट्रोनिक स्पेसीज के प्रश्न में एक से अधिक ऑप्शन सही बताए जा रहे हैं। सेक्शन 1 में ऑर्गेनिक व इनऑर्गेनिक कैमिस्ट्री से अधिक प्रश्न पूछे गए। जबकि सेक्शन 2 में फिजीकल कैमिस्ट्री के न्यूमेरिकल अधिक थे।
मैथ्स: सुबह की पारी में मैथ्स का पेपर काफी कठिन और लेन्दी रहा। स्टूडेंट्स को तीनों विषयों में ज्यादा समय मैथ्स का पेपर सॉल्व करने में लगा। जैसे लिमिट वाले टॉपिक में 1 घात अनंत का प्रश्न आसान था लेकिन, कैलकुलेटिव रहा। लगभग सभी चैप्टर्स को कवर किया गया था। कोर्डिनेट ज्योमेट्री के प्रश्न भी काफी लेन्दी व मिश्रित कंसेप्ट के रहे। जैसे ट्राइएंगल के ओर्थोसेंटर को सर्किल पर लाइ कराने वाला प्रश्न। शाम की पारी में भी पूछे गए प्रश्न कठिन व लेन्दी थे। पेपर का डिफीकल्टी लेवल मध्यम से कठिन स्तरीय रहा। करीब 4-5 प्रश्न ऐसे थे जो आसानी से सॉल्व हो रहे थे। एरिया, डिफरेन्शियल, कॉम्पलेक्स नंबर, डेफिनेट इंटीग्रेट के प्रश्न कठिन थे। करीब सभी टॉपिक्स को कवर किया गया था। 80 प्रतिशत प्रश्नों का डिफिकल्टी लेवल मध्यम एवं 10-10 प्रतिशत प्रश्न मध्यम एवं आसान थे।