बीकानेर। राजस्थान शिक्षक भर्ती परीक्षा (रीट) में बीकानेर में नकल गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने पकड़ा है। वहीं जोधपुर में एक फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ा गया है। राजस्थान सरकार के मुंह पर एक तमाचा है कि वह तमाम कोशिशों के बाद भी नल गिरोह को नहीं रोक पाई।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रीट 2022 में इस बार फिर बीकानेर में नकल करवाने की कोशिश की गई। जिला पुलिस की सतर्कता से परीक्षा शुरू होने से पहले नकल गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ा गया। पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि पुलिस की सतर्कता से दो व्यक्तियों को पकड़ा गया है। पकड़े गए दोनों आरोपी अभ्यर्थियों को नकल करवाने की फिराक में थे। पकड़े गए युवक का नाम दिनेश कुमावत और प्रदीप चौधरी है। इनसे ब्लूटूथ और अन्य डिवाइस बरमाद की गई है। फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ करने में लगी है।
दूसरी ओर जोधपुर आईआईटी कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर एक डमी कैंडिडेट पकड़ा गया है। पकड़े गए आरोपी का नाम झूंजा राम विश्नोई है। पकड़े गए फर्जी अभ्यर्थी ने बताया कि वो बाड़मेर में सरकारी शिक्षक है। वह अभ्यर्थी प्रेम प्रकाश की जगह परीक्षा देने आया था। पूछताछ में सरकारी शिक्षक ने बताया कि परीक्षा देने के बदले उसने 3 लाख रुपये लिए थे।
तीन लाख में बना था डमी कैंडिडेट: आरोपी ने बताया कि उसने एडवांस तीन लाख परीक्षा का फॉर्म भरा था। फॉर्म में उसने प्रेम प्रकाश की जगह खुद की फोटो लगाई थी क्योंकि उसका चेहरा प्रेम प्रकाश का चेहरे से थोड़ा मिलता था और दोनों ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी लेकिन आधार कार्ड में कोई बदलाव नहीं किया। क्योंकि आधार कार्ड की ब्लैक एंड व्हाइट कॉपी में चेहरा साफ नजर नहीं आ रहा था। हालांकि, पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उससे शास्त्रीनगर थाना पुलिस पुछताछ में जुट गई है।
अलवर में दो संदिग्ध युवक पकड़े: करौली में भी पीजी कॉलेज के पास दो संदिग्ध युवक पकड़े गए हैं। जिनसे पुलिस पूछताछ करने में जुटी है। इसके साथ ही अलवर में परीक्षा के पहले चरण में गड़बड़ी सामने आई है। अभ्यर्थियों ने बताया कि लेवल वन के परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र में स्कूल का पता गलत प्रिंट था। ऐसे में वे समय पर परीक्षा केंद्र नहीं पहुंच पाए और उनको प्रवेश नहीं दिया गया। इसके विरोध में परीक्षार्थियों ने अलवर में जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।