बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन खरीद के लिए देर से जागी गहलोत सरकार

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कोटा। बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन की खरीद शुरू करने में राजस्थान की गहलोत सरकार ने बहुत देर कर दी है। किसानों का कहना है कि जब किसान अपना 50 फीसदी से ज्यादा लहसुन दो से तीन रुपये किलो में बेच चुके हैं और कई किसान भाव नहीं मिलने से जानवरों को खिलाने को मजबूर हो गए हैं।

भारतीय किसान नेता जगदीश शर्मा का कहना है कि किसानों का काफी नुकसान कराने के बाद सरकार अब जगी है। कई किसान नेताओं ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि किसानों की हितेषी कहलाने का दावा करने वाली सरकार ने समय रहते किसानों की सुध नहीं ली।

राज्य सरकार ने राजफैड के माध्यम से 46 हजार 830 मैट्रिक टन लहसुन खरीद का निर्णय लिया है। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की पहल पर राज्य सरकार ने मंगलवार को जयपुर में संबंधित विभागों के अधिकारियों की प्रमुख शासन सचिव (कृषि) दिनेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक मेें राजफैड के माध्यम से भारत सरकार से जारी स्वीकृति आदेश की शर्तों के अधीन लहसुन खरीद का निर्णय लिया है । भारत सरकार ने लहसुन खरीद का मूल्य 2957 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

ज्ञात रहे कि कोटा संभाग के किसान लहसुन की खरीद के लिये लंबे समय से मांग कर रहे थे। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने किसानों की समस्या तथा उत्पादित लहसुन के वर्षा के दौरान खराब होने की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष किसानों की बात रखी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक प्रमुख शासन सचिव कृषि की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें लहसुन खरीद का निर्णय लिया गया।

6 जिलों में होगी खरीद: लहसुन खरीद राजफैड के माध्यम से किया जायेगा जिसमें कोटा जिले में 13 हजार 500 मै.टन लहसुन कोटा व सांगोद खरीद केन्द्र पर क्रय किया जायेगा। झालावाड़ में 8830 मै.टन, खानपुर व भवानीमंडी खरीद केन्द्र पर, बारां में 13700 मै. टन बारां व छीपाबड़ौद खरीद केन्द्र पर क्रय किया जायेगा। प्रतापगढ़ जिले में 5000 मै.टन, प्रतापगढ़ के खरीद केन्द्र पर, बूंदी जिले में 4000 मै. टन केशवरायपाटन खरीद केन्द्र पर क्रय किया जायेगा तथा जोधपुर में 1800 मै. टन जोधपुर खरीद केन्द्र पर क्रय किया जायेगा। इसके विक्रय, गुण नियंत्रण एवं अन्य प्रक्रिया में नेफैड का सहयोग लिया जायेगा।

ऑनलाइन होगा पंजीयन: किसान ऑनलाइन पंजीकरण के उपरांत स्थापित खरीद केन्द्र पर निर्धारित दिवस पर अपनी उपज लेकर आयेगा। किसानों को भुगतान खरीद के 5 दिवस में राजफैड द्वारा ऑनलाइन बैंक खाते में किया जायेगा। खरीद केन्द्रों पर गुणवत्ता एवं मापदंड की जांच मे सहयोग के लिये कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी रहेंगे।