कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से हाड़ौती सहित सम्पूर्ण राजस्थान के चना किसानों की मांग पूरी हो गई है। अब किसानों से प्रतिदिन MSP पर 25 क्विंटल के स्थान पर 40 क्विंटल चने की खरीद होगी।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इसके लिए एफसीआई और नेफेड सहित अन्य एजेंसियों को गुरूवार को आदेश जारी कर दिए। नेफेड, एफसीआई और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से इन दिनों समर्थन मूल्य पर चने की खरीद प्रक्रिया की जा रही है। लेकिन यह एजेंसियां किसानों से प्रतिदिन 25 क्विंटल चने की ही खरीद कर रही थीं। इसके अलवा चने में खेसरी दाल पाए जाने पर तुलाई केंद्रों पर उसे रिजेक्ट किया जा रहा था। इससे किसानों में रोष था।
विगत दिनों संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के प्रवास पर आए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चना खरीद में आ रही समस्याओं को लेकर केंद्र तथा प्रदेश की एजेंसियों के साथ समीक्षा की थी। इस दौरान किसानों ने सिर्फ 25 क्विंटल प्रति किसान की तुलाई किए जाने तथा खेसरी दाल की समस्या की भी जानकारी दी।
किसानों की समस्या को देखते हुए स्पीकर बिरला ने मौके से ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से इस बारे में फोन पर बात की थी। स्पीकर बिरला ने किसानों को भी आश्वस्त किया था कि वे हर परिस्थिति में उनके साथ हैं तथा उनका नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
बिरला के हस्तक्षेप के बाद गत 25 मई को कृषि मंत्रालय ने 2 प्रतिशत की सीमा तक खेसरी दाल होने पर भी चने की एमएसपी पर खरीद करने के निर्देश जारी कर दिए थे। अब मंत्रालय ने गुरूवार को एक और आदेश जारी कर समर्थन मूल्य पर चना खरीद की सीमा को भी प्रति किसान प्रति दिन 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दिया है।
नए आदेश जारी होने के बाद किसानों को बड़ी राहत मिली है। स्पीकर बिरला के प्रयासों से अब उनकी दोनों मांगे पूरी हो गई हैं। इसके बाद किसान अब अपने उत्पादन का बड़ा भाग समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। इससे उन्हें आर्थिक फायदा होगा।
प्रदेश में अब 6.20 मेट्रिक टन की होगी
खरीदइन्हीं आदेशों में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अब राजस्थान में होने वाली चना खरीद की सीमा को भी बढ़ा दिया है। आदेशों में कहा गया है कि अब राजस्थान में रबी सीजन 2021-22 के लिए पीएसएस पर 6 लाख 20 हजार 593 मीट्रिक टन चने की खरीद की जाएगी।