रिलायंस, टाटा जैसी कंपनियों के दवा व्यवसाय में आने से रिटेल विक्रेता संकट में

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कोटा। कोटा जिला केमिस्ट एसोसिएशन की साधारण सभा की बैठक रविवार को एक होटल में आयोजित की गई। इस अवसर पर कोटा जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष क्रान्ति जैन एवं सचिव अभिमन्यु भावनानी ने बताया की दवा व्यापार में रिलायंस, टाटा, नेटमेड फार्मा जैसी बड़ी कंपनियां भी दवा के व्यापार में आ चुकी हैं। इस वजह से छोटे होलसेलर रिटेलर में दवा व्यापारियों में स्पर्धा बढ़ गई है।

दवा व्यापार में इन बड़ी कंपनियों के आने से छोटे दवा व्यापारियों को अपना जीवन बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उनको अपना भविष्य भी अंधकार में नजर आ रहा है। इस स्पर्धा से बचने के लिए सभी दवा व्यवसायियों को इन कंपनियों से संघर्ष करना पड़ेगा।

बैठक में दवा व्यवसाइयों ने ड्रग लाइसेंस एवं फार्मेसी नवीनीकरण की अवधि 5 साल का भी ध्यान रखने की सलाह दी। बैठक में दवा व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए अपने अपनी दुकानों को कंप्यूटराइज करने एवं सही स्टोरेज कंडीशन के बारे में भी बताया गया ।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ड्रग डिपार्टमेंट व दवा व्यापारियों के माध्यम से नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। बैठक में कोटा जिला केमिस्ट एसोसिएशन एवं ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से नशा मुक्ति अभियान पोस्टर का विमोचन भी किया गया । उन्होंने बताया कि पोस्टरों व बेनर के माध्यम से पूरे कोटा डिविजनल के दवा व्यवसाईयों द्वारा नशा मुक्ति अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा ।

बैठक में सहायक औषधि अनुज्ञापत्र अधिकारी प्रहलाद मीणा ने बताया कि हमारे औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा नशा करने वालों को कोटपा एक्ट में चालान बनाए जा रहे हैं। बैठक में कोटा जिला केमिस्ट एसोसिएशन के सभी सदस्य गण, सहायक औषधि नियंत्रक प्रहलाद मीणा, औषधि नियंत्रण अधिकारी रोहिताश नागर, ओम प्रकाश चौधरी, आसाराम मीणा, नरेंद्र राठौड़ मुख्य रूप से मौजूद थे।