भारत-कंबोडिया के बीच आर्थिक एवं व्यापारिक सहयोग बढ़ाना जरूरी: बिरला

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नोम पेन्ह (कंबोडिया)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने कल वियतनाम की अपनी तीन दिवसीय यात्रा का समापन किया। आज नोम पेन्ह (कंबोडिया) पहुंचा।

कंबोडिया की अपनी यात्रा के पहले दिन बिरला ने कंबोडिया के सम्राट नोरोडोम सिहामौनी से मुलाक़ात की। इस अवसर पर बिरला ने कहा कि भारत कंबोडिया के बीच आर्थिक एवं व्यापारिक सहयोग भारत की ‘एक्ट ईस्ट’नीति, भारत-आसियान सहयोग ढ़ांचा, भारत-CLMWB सहयोग और मेकांग-गंगा सहयोग पर आधारित है। उन्होंने सम्राट को बताया कि भारत का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग को और अधिक बढ़ाना है।

यह उल्लेख करते हुए कि 2022 दोनों देशों के लिए विशेष है। क्योंकि वर्ष 1952 में हमारे राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद सात दशक पूरे हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत ने कंबोडिया की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमेशा अपना समर्थन एवं सहयोग दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत कंबोडिया को खमेररौज के पश्चात् मान्यता देने वाला पहला लोकतांत्रिक देश था, जो यह दर्शाता है कि हमारे संबंध कितने प्रगाढ़ हैं। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कम्बोडिया हमारी ‘एक्ट ईस्ट’नीति और आसियान के साथ और अधिक आर्थिक सहयोग के संदर्भ मेंएक महत्वपूर्ण साझेदार है।

यह रेखांकित करते हुए कि भारत और कंबोडिया के व्यापारिक संबंध अपने potential के अनुरूप विकसित नहीं हो पाए हैं। बिरला ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच पिछले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में हुई वृद्धि को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। व्यापारिक सहयोग के नए क्षेत्रों को सामने लाने की आवश्यकता है।

उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए दोनों देशों के व्यापारिक संघों के बीच निरंतर चर्चा संवाद होना चाहिए। इस विषय में बिरला ने कहा कि दोनों देशों को व्यापार, निवेश, पर्यटन, विकास परियोजनाओं आदि को आगे बढ़ाने के सतत् प्रयास करने चाहिए, जिससे द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और सुदृढ़ करने और उसे ऊंचाई पर ले जाने में सहायता मिले ।

बिरला ने कंबोडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि उसने सदैव संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न निकायों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत का समर्थन किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सहयोग बहुपक्षीय मंचों पर जारी रहेगा।ये विचार व्यक्त करते हुए कि आसियान विश्व के सबसे प्रभावशाली आर्थिक ग्रुप में एक है, उन्होंने कम्बोडिया को आसियान की अध्यक्षता मिलने पर बधाई दी और आश्वासन दिया कि भारत वर्ष 2022 में कंबोडिया की आसियान की अध्यक्षता को सफल बनाने में पूर्ण समर्थन और सहायता देगा ।

कंबोडिया नेशनल असेम्बली के प्रेसीडेंट हेंग सैमरिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग हमारे सौहार्दपूर्ण संबंधों को एक और नया आयाम देता है। बिरला ने आशा व्यक्त की कि नियमित द्विपक्षीय वार्ताओं से न केवल दोनों देश और संसदों के बीच घनिष्ठता बढ़ेगी बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संपर्क और सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने भारत-कंबोडिया संसदीय मैत्री समूह के गठन पर भी बल दिया, ताकि संसदीय राजनय को बल मिले। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे हमें एक दूसरे के अनुभवों को साझा करने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे तथा सहयोग के नए अवसर प्राप्त होंगे।

कंबोडिया किंगडम के सीनेट के प्रेसीडेंट सई छुम से मुलाक़ात के दौरान बिरला ने प्रसन्नता व्यक्त की कि नेशनल असेंबली और सीनेट में भारत-कंबोडिया संसदीय मैत्री समूह का गठन हो चुका है। उन्होंने सूचित किया कि भारत की संसद भी मैत्री समूहों का गठन कर रही है। ताकि हमें एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और सहयोग के नए क्षेत्रों को खोलने में मदद मिल सके।

बिरला ने छुम को जानकारी दी कि कंबोडिया में क्षमता निर्माण के प्रयास को बढ़ाने के लिए ITEC कार्यक्रम के तहत भारत के प्रमुख रक्षा संस्थानों सहित विभिन्न क्षेत्रों में 2,000 से अधिक कंबोडियाई अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने संसदीय अनुसंधान और लोकतंत्र प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा संचालित प्रबोधन और प्रशिक्षण के कार्यक्रमों में कंबोडिया के सीनेटरों और सीनेट के अधिकारियों को प्रशिक्षण लेने के लिए आमंत्रित किया।