नई दिल्ली। क्या रेल मंत्रालय (Ministry of Railway) ने सीनियर सिटीजन (Senior Citizens) को मिलने वाली छूट (concession) बंद कर दी है। बुजुर्गों को रेल टिकट पर 50% छूट मिलती थी जिसे कोरोना काल में बंद कर दिया गया था। लेकिन सोशल मीडिया पर यह चर्चा हो रही है कि इस सुविधा को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। रेलवे का कहना है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है और अब तक ऐसा कोई फैसला नहीं किया गया है।
दरअसल एक ट्वीट में यह दावा किया गया था कि रेलवे में यात्रा करने वाले सभी नागरिक सामान्य होंगे। रेल मंत्रालय ने सीनियर सिटीजन को मिलने वाला कोटा, जिसके तहत बुजुर्गों को 50% छूट मिलती थी, वह पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है। लेकिन रेलवे बोर्ड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (इनफॉरमेशन एंड पब्लिसिटी) जीके बंसल ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई भी फाइनल डिसीजन नहीं लिया गया है। अतः यह ट्वीट तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।
अब तक मिलती थी 50 फीसदी छूट
कोरोना के पहले राजधानी और शताब्दी समेत सभी ट्रेनों में सीनियर सिटीजन को टिकटों पर 50 फीसदी तक की छूट मिलती थी। 60 से अधिक उम्र के पुरुषों और 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे में सीनियर सिटीजन की श्रेणी में रखा जाता है। कोरोना काल से पहले तक राजधानी, शताब्दी, दूरंतो समेत सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में पुरुषों को बेस फेयर पर 40 फीसदी और महिलाओं को 50 फीसदी छूट मिलती थी।
लेकिन कोरोना के दौरान रेल यात्रियों के लिए सेवाओं को जब दोबारा से शुरू किया गया था, तो यह छूट बंद कर दी गई। केवल स्पेशल कैटगरी वाले लोगों को किराए पर छूट दोबारा शुरू की गई। इनमें चार श्रेणी के दिव्यांग, 11 कैटगरी के मरीज और और छात्र शामिल हैं। बाकी कैटगरी के लोग भी रेल टिकट पर छूट बहाल करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें फिलहाल राहत देने से इन्कार किया है।
रेल मंत्री का जवाब
रेल मंत्री ने 16 मार्च, 2022 को लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा कि कोरोना महामारी की चुनौतियों के कारण रेलवे का 2020-21 में पैसेंजर रेवेन्यू (passenger revenue) 2019-20 की तुलना में कम रहा। उन्होंने कहा कि रियायत देने से रेलवे पर लागत भारी पड़ती है, इसलिए सीनियर सिटीजन सहित सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए रियायतों का दायरा बढ़ाना फिलहाल सही नहीं है।