बाबा रामदेव की कंपनी Ruchi Soya का शेयर 17 फीसदी गिरा

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नई दिल्ली। बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी रुचि सोया (Ruchi Soya) का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) 24 मार्च को खुलने जा रहा है। इसके लिए कंपनी ने प्राइस बैंड 615-650 रुपये प्रति शेयर तय किया है। इसका अपर बैंड गुरुवार को इसके बंद भाव से 35 फीसदी कम है। इससे आज कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में यह 17 फीसदी गिर गया। पिछले सत्र में यह 1004.45 रुपये पर बंद हुआ था और आज 831 रुपये पर खुला। सुबह साढ़े दस बजे यह 8.91% की गिरावट के साथ 915.00 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।

हालांकि इस शेयर ने इस साल अब तक 4.13 फीसदी रिटर्न दिया है और एक महीने में इसमें 33.59 फीसदी उछाल आई है। कंपनी का शेयर अपने 20 दिन और 50 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर ट्रेड कर रहा है लेकिन पांच दिन, 100 दिन और 200 दिन के मूविंग एवरेज से कम है। इस शेयर ने नौ जून, 2021 को अपना 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 1,377 रुपये को छुआ था जबकि 22 अप्रैल 2021 को यह 619 रुपये के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा था।

कब खुलेगा एफपीओ
कंपनी का एफपीओ 24 मार्च को खुलेगा और 28 मार्च को बंद होगा। इस ऑफर के जरिए 4,300 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बना रही है। रुचि सोया का मालिकाना हक बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के पास है। खाद्य तेल (Edible Oil) बनाने वाली कंपनी रुचि सोया को पिछले साल अगस्त में एफपीओ लाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी (Sebi) की मंजूरी मिली थी।

पतंजलि ने साल 2019 में 4,350 करोड़ रुपये में एक दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से रुचि सोया को खरीदा था। कंपनी के प्रमोटर्स के पास फिलहाल करीब 99 फीसद हिस्सेदारी है। कंपनी को एफपीओ के इस दौर में कम से कम नौ फीसदी हिस्सेदारी बेचनी है। रुचि सोया ने जून 2021 में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था। डीआरएचपी के अनुसार रुचि सोया कुछ बकाया कर्ज को चुकाने, अपनी कार्यशील पूंजी संबंधी जरूरतों और अन्य सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए इश्यू से मिली आय का इस्तेमाल करेगी।

एफपीओ क्यों जरूरी
सेबी के नियमों के मुताबिक कंपनी में कम से कम 25 फीसदी सार्वजनिक हिस्सेदारी होनी चाहिए। प्रमोटर्स के पास अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 75 फीसदी करने के लिए करीब तीन साल का समय है। कंपनी के प्रमोटर्स के पास अभी कंपनी में 99 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी अपने इस FPO में करीब 9 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है।