नई दिल्ली। पौधे की किस्मों का संरक्षण करने वाले प्राधिकरण पीपीवी और एफआर ने शुक्रवार को पेप्सिको इंडिया को आलू की किस्म ‘एफएल-2027’ के लिये मिला पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है । पेप्सोको इंडिया ने इस फैसले पर कहा कि वह पौध किस्मों और किसान अधिकार संरक्षण (पीपीवी और एफआर) प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश की समीक्षा कर रही है।
पीपीवी एंड एफआर एक सांविधिक निकाय है जिसकी स्थापना पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार अधिनियम, 2001 के तहत की गई है। प्राधिकरण का यह निर्णय दरअसल कृषि कार्यकर्ता कविता कुरुगांति द्वारा दायर की गई याचिका पर आया है। याचिका कर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि पेप्सिको इंडिया को गलत जानकारी के आधार पर पंजीकरण प्रमाण पत्र दिया गया था।
कृषि कार्यकर्ता कविता ने यह भी कहा था कि पेप्सिको इंडिया को आलू की किस्म पर दिया गया बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पंजीकरण के लिए निर्धारित प्रावधानों के अनुसार नहीं था और जनहित के खिलाफ था। पीपीवी एंड एफआर ने भी कृषि कार्यकर्ता की याचिका पर सहमति जताई और कहा कि पंजीकरण आवेदक द्वारा दी गई ‘गलत जानकारी’ पर आधारित था।
प्राधिकरण ने अपने 79 पृष्ठ के फैसले में कहा, “एफएल 2027 वाले आलू की किस्म के संबंध में पेप्सिको के पक्ष में रजिस्ट्रार द्वारा एक फरवरी 2016 को दिया गया पंजीकरण प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।” अपने निर्णय में प्राधिकरण ने रजिस्ट्रार के प्रमाणपत्र जारी करने पर हैरानी जताई है।
पेप्सिको (PepsiCo) ने गुजरात के नौ किसानों के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज कराया था। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये मामला किसानों द्वारा आलू उगाने पर किया गया है। पेप्सी और लेज चिप्स जैसे उत्पाद बनाने वाली इस कंपनी का कहना है कि ये किसान जिस आलू को उगा रहे हैं, उसे उगाने का अधिकार सिर्फ उसके पास है।
गुजरात के नौ किसान जो आलू उगा रहे थे, उसका नाम एफएल-2027 है। इस आलू को उगाने की वजह से इन किसानों को अदालत के चक्कर काटने पड़ रहे थे। दरअसल इस आलू का प्रयोग लेज ब्रांड का चिप्स बनाने में किया जाता है। इस संदर्भ में पेप्सिको के खिलाफ अब देश भर में किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले समूहों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।