नयी दिल्ली। जीएसटी अधिकारियों ने 34 करोड़ रुपये के इनपुट कर क्रेडिट धोखाधड़ी का खुलासा किया है, जिसमें सात कंपनियां शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। वास्तविक माल ढुलाई के बिना और सरकार को माल और सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान किए बिना आईटीसी धोखाधड़ी करने के इरादे से फर्जी जीएसटी बिल बनाने के लिए सात फर्मों का गठन किया गया था।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर, केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, दिल्ली (पूर्व) की चोरी-रोधी शाखा के अधिकारियों ने 34 करोड़ रुपये (लगभग) की वास्तविक माल ढुलाई के बिना फर्जी जीएसटी बिल बनाकर अमान्य इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) प्राप्त करने के मामले का पता लगाया।’’
इन कंपनियों ने 220 करोड़ रुपये (लगभग) के नकली जीएसटी बिल तैयार किए और 34 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी की।बयान में कहा गया, ‘‘फर्जी कंपनी बनाने और फर्जी जीएसटी बिल बनाने के इस रैकेट का सरगना ऋषभ जैन नामक व्यक्ति है।’’