नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को करंट अकाउंट से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की। नई गाइडलाइन के तहत बैंक उन ग्राहकों का भी करंट अकाउंट ओपन कर सकेंगे, जिन्होंने अन्य बैंकों से कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट जैसी क्रेडिट फैसेलिटी ले रखी है। हालांकि केवल 5 करोड़ रुपए से कम के बैंकिंग एक्सपोजर वाले कर्जदार ही ये सुविधा ले पाएंगे। RBI ने बैंकों से एक महीने के भीतर ये बदलाव लागू करने को कहा है।
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा कि 5 करोड़ रुपए से कम के बैंकिंग सेक्टर एक्सपोजर वाले कर्जदार बिना किसी प्रतिबंध के करंट अकाउंट ओपन करा सकते हैं। कैश क्रेडिट अकाउंट और ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए कर्जदारों को अंडरटेकिंग देनी होगी। अंडरटेकिंग के तहत उन्हें 5 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा की क्रेडिट फैसिलिटी होने पर बैंक को बताना होगा।
5 करोड़ रुपए से ज्यादा के बैंकिंग सेक्टर एक्सपोजर वाले कर्जदार केवल एक ही करंट अकाउंट ओपन करवा पाएंगे। यह कर्जदारों की पसंद का कोई भी बैंक हो सकता है जहां उसके पास पहले से ही कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी हों। उस बैंक में कर्जदार का कम से कम 10% एक्सपोजर भी होना चाहिए।
फीडबैक के बाद RBI ने गाइडलाइन जारी की
इंडियन बैंक एसोसिएशन और अन्य हितधारकों से मिले फीडबैक के बाद RBI ने ये गाइडलाइन जारी की है। अगस्त 2020 में RBI ने गाइडलाइन जारी करते हुए करंट अकाउंट से जुड़े प्रतिबंध बैंकों पर लगाए थे। ये प्रतिबंध क्रेडिट डिसिप्लिन लागू करने और फंड के डायवर्जन को रोकने के लिए थे। सेंट्रल बैंक ने बैंकों को उन ग्राहकों का करंट खोलने से रोक दिया था, जिन्होंने अन्य बैंकों से लोन लिया था।