मुंबई। आर्यन खान केस में गवाह प्रभाकर के एफिडेविट के आधार पर एनसीबी ने अब शाहरुख खान की मैनेजर को घेरा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉम्बे हाई कोर्ट में हलफनामा दिया है कि उन्हें शाहरुख खान की मैनेजर पर शक है। प्रभाकर के पलटने के बाद उन्हें ऐसा लग रहा है कि पूजा ददलानी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।
केस के गवाह प्रभाकर ने अपने एफिडेविट में 38 लाख रुपये के लेन-देन और पूजा ददलानी का जिक्र किया था। एनसीबी ने इसी एफिडेविट को आधार बनाकर कहा है कि उन्हें लगता है कि पूजा गवाहों को प्रभावित कर रही हैं। ड्रग केस के जांच अधिकारी वीवी सिंह ने आर्यन की बेल के विरोध में कोर्ट में जवाब दिया है कि आर्यन प्रभावशाली हैं। वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। अगर सिर्फ प्रभाकर साइल वाली घटना को ही देखा जाए तो उनकी बेल रिजेक्ट हो जानी चाहिए।
प्रभाकर का एफिडेविट
प्रभाकर ने एफिडेविट में दिया है, कुछ देर बाद एक नीली मर्सिडीज कार आई जिसमें मैंने पूजा ददलानी को देखा। सैम, केपी गोसावी और पूजा ददलानी गाड़ी में बैठकर बात करने लगे। सभी 15 मिनट बाद निकल गए। इसके बाद हम सभी 15 मिनट बाद निकल गए। केपी गोसावी और मैं मंत्रालय पहुंचे। केपी गोसावी ने किसी से बात की फिर वासी पहुंचे। इसके बाद केपी ने मुझसे इनोवा गाड़ी लेकर इंडियाना होटल के पास 50 लाख रुपये लेने के लिए भेजा। मैं वहां 9: 45 पर पहुंचा। वहां एक सफेद कार आई। मुझे दो बैग दिए गए जिसमें कैश भरा था। जिन्हें ले जाकर मैंने किरन गोसावी को दिया।
अब एनसीबी ने आर्यन खान के बेल ऐप्लिकेशन के विरोध में जवाब फाइल किया। इसमें लिखा है कि इस केस की जांच को गलत भावना से प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। 23 अक्टूबर 2021 को प्रभाकर साइल के कथित एफिडेविट से यह बात साफ जाहिर होती है। जब मामला विचाराधीन है तो किसी कोर्ट में सुनवाई के पहले ऐसा डॉक्यूमेंट फाइल नहीं किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि इसको मीडिया में भी चुपचाप खूब फैलाया गया। इसको देखते हुए ऐसा लग रहा है कि जांच के बीच शाहरुख की मैनेजर ने गवाह को प्रभावित किया है। साफ दिख रहा है कि जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, सिर्फ इसी आधार पर बेल रिजेक्ट हो जानी चाहिए।
प्रभाकर साइल ने डील की बात
प्रभाकर साइल जो कि ड्रग केस के गवाह नंबर 1 हैं, उन्होंने एफिडेविट देकर दावा किया था कि उस रात उनसे ब्लैंक पंचनामा पर दस्तखत करवाए गए। प्रभाकर ने बताया था कि वह केपी गोसावी के बॉडीगार्ड रह चुके हैं। उन्हीं के कहने पर रेड वाले दिन टर्मिनल पर पहुंचे थे। केपी गोसावी भी इस केस के गवाहों में से एक हैं। प्रभाकर ने ये भी दावा किया था कि उन्होंने इस केस में 25 करोड़ रुपये वसूली की बात सुनी थी। 18 करोड़ में बात तय होने पर 8 करोड़ रुपये एनसीबी अफसर समीर वानखेड़े को दिए जाने थे।