मुंबई। World Gold Council (WGC) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि चालू वर्ष में सोने की मांग में सुस्ती रहेगी। WGC ने कहा है कि कोविड महामारी के कारण Gold Demand सुस्त रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के परिवार आनुपातिक रूप से कम बचत कर रहे हैं और कृषि से जुड़ी कमाई भी घटी है। इस कारण, सोने की मांग में अल्पावधि के दौरान कमी देखने को मिलेगी।
हालांकि, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में सोने की मांग एक बार फिर से रफ्तार पकड़ेगी। The Drivers of Indian Gold Demand नाम की रिपोर्ट में WGC ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से लंबे समय तक चली लड़ाई की वजह से इस साल सोने की मांग अनुमान से काफी कम रह सकती है।
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने के आयात में मजबूती बनी रहेगी और जैसे-जैसे देश में कोरोना से जुड़े प्रतिबंध कम होते जाएंगे, वैसे ही इसकी खुदरा मांग में भी तेजी आएगी। 2022 में अर्थव्यवस्था की ग्रोथ और सोने की मांग में तेजी आएगी, अगर कोरोना वायरस महामारी ने फिर से पांव नहीं फैलाया।
WGC की रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग पारदर्शिता की तरफ कदम उठाते नजर आएंगे, साथ ही वैश्विक बाजारों की तरह इसका मानकीकरण भी ज्यादा होगा। भारत के सोना बाजार को सकारात्मक डेमोग्राफिक्स और सामाजिक-आर्थिक बदलावों का लाभ मिलेगा। इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में सोने की मांग में बढ़ोत्तरी की एक बड़ी वजह लोगों की बढ़ती आय होगी।
WGC के क्षेत्रीय सीईओ, भारत, सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ‘सोने की कीमत, मानसून, करों में बदलाव और महंगाई, अल्पावधि में सोने की मांग के कारक हैं। वहीं, पारिवारिक आय और सरकार द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क लंबी अवधि में सोने की मांग को प्रभावित करेंगे।’