किसानों ने मौके पर जाकर जाना जैविक खेती का तरीका

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कोटा। राजस्थान राज्य में जैविक खेती को प्रोत्साहन के क्रम में शुक्रवार को प्रशिक्षण के दूसरे दिन जैविक खेती में रूचि रखने वाले किसानों के दल ने कैथून के निकट जाखोड़ा पंचायत में गोयल जैविक खेती फार्म पर वहां हो रही जैविक खेती, गौशाला के तरीके देखे तथा सब्जियों की गुणवत्ता को जाना।

राम कृष्ण शिक्षण संस्था के महासचिव युधिष्ठिर चानसी ने बताया कि कंज्यूमर ट्रस्ट सोसायटी के परियोजना अधिकारी राजदीप पारीक, पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय ने प्रगतिशाील किसानों से जैविक खेती की ओर बढ़ने का आव्हान किया। उक्त परम्परागत खेती विष मुक्त उत्पाद देती है, जिससे महामरियों के फैलने का खतरा नहीं रहता। जैविक उत्पादों की अब बाजार में मांग उठी है तो किसानों को अपने को ढालना होगा।

पारीक ने बताया कि राज्य के विभिन्न दस जिलों में जैविक खेती जागरूकता कार्यक्रम पिछले 8 वर्ष से चला रहे हैं । इस अवसर पर गोयल फार्म के प्रभारी महेश शर्मा ने किसानों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने खेत की मेड़ पर उपयोगी फलदार पेड़ों को मौके पर ले जाकर दिखाया। सिंचाई के लिए खेत में बने जल संगहण तलाई को भू गर्भ जल के लिए वरदान बताया।

इसी के साथ पशुपालन पर भी जोर दिया गया। पारीक ने कहा कि बिना पशु पालन के जैविक खेती सपना ही रह जाएगा। पूर्व में यहां 1 से 2 किलोमीटर तक पानी का संकट था। बूंदी के विट्ठल सनाढ्य, गिरधरपुरा के प्रगतिशील किसान राम किशन सुमन, देवली मांझी की सरपंच शकुंतला, घासीलाल, जुगल किशोर,ओम प्रकाश सुमन समेत कई किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।