जयपुर। राजस्थान में सरकारी और निजी स्कूलों में ग्रेडिंग सिस्टम लागू होने जा रहा है। इसके बाद पैरेंट्स को घर बैठे ही प्रदेशभर के एक लाख से अधिक सरकारी और निजी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर शिक्षकों की संख्या तक की जानकारी मिल सकेगी। ग्रेडिंग सिस्टम से प्रदेश के हर स्कूल को ए, बी और सी ग्रेड दिए जाएंगे।
इससे बच्चों के पैरेंट्स को पता चल सकेगा कि उनके इलाके में कौन सा स्कूल अच्छा है और कौन सा खराब। शिक्षा विभाग द्वारा ग्रेडिंग फार्मूला लागू करने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। ग्रेडिंग सिस्टम लागू होने के बाद पैरेंट्स को RTE के जरिए दाखिलों में भी अच्छे स्तर की स्कूल चुनने का मौका मिल सकेगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया की शिक्षा विभाग द्वारा शाला दर्पण की तर्ज पर सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है। इसमें प्रदेश के सरकारी के साथ ही निजी स्कूलों की 2 दर्जन से अधिक मापदंडों के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, टीचर, स्पोर्ट्स, एक्टिविटी के साथ फीस स्ट्रक्चर जैसे प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल में बच्चों की संख्या कितनी है, स्कूल कौन सी क्लास तक है, जैसे बिंदुओं पर भी ग्रेडिंग दी जाएगी।
सौरभ स्वामी ने बताया कि ग्रेडिंग सिस्टम लागू होने के बाद पैरेंट्स को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि पैरेंट्स घर बैठ प्रदेशभर के किसी भी सरकारी और निजी स्कूल की तुलना कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि ग्रेडिंग सिस्टम लागू होने के बाद स्कूलों में भी प्रतिस्पर्धा शुरू होगी, जिसका सीधा फायदा स्टूडेंट्स को मिलेगा।
ऐसे में अगर किसी स्कूल द्वारा गलत तथ्य पेश किए गए हैं तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही पैरेंट्स के सुझाव के आधार पर भी स्कूलों में सुधार किया जाएगा, ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर किया जा सके। स्वामी ने बताया की शिक्षा विभाग द्वारा ग्रेडिंग सॉफ्टवेयर पर काम शुरू कर दिया गया है। शुरुआती तौर पर वेब पोर्टल के माध्यम से इसे लॉन्च किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने पैरेंट्स के हित में बताया
राजस्थान सरकार के ग्रेडिंग फार्मूला को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अभिभावकों के हित में बताया। उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान दूसरे स्थान पर है। ऐसे में प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा ग्रेडिंग फार्मूला तैयार किया गया है। जिसके आधार पर स्कूलों की खामियों को दूर कर राजस्थान की शिक्षण व्यवस्था को देश में नंबर वन बनाया जाएगा।