मुंबई। कोरोना वैक्सीनेशन और RT-PCR टेस्ट को लेकर फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही फर्जीवाड़ा टेलीग्राम के जरिए हो रहा है। दरअसल, एक देश से दूसरे देश जाने के लिए लोग इन फर्जी रिपोर्ट्स का सहारा ले रहे हैं। 29 देशों के लिए ऐसी फर्जी रिपोर्ट्स कुछ डॉलर्स खर्च करके आराम से मिल रही हैं। भारत के लिए भी ऐसे फर्जी वैक्सीनेशन और RT-PCR टेस्ट सर्टिफिकेट्स 5,520 रुपए में मिल रहे हैं।
ट्रैवल बढ़ने से फर्जीवाड़ा करने वाले एक्टिव हुए
कोरोना के मामलों में आई गिरावट के बाद कई देशों ने ट्रैवल से जुड़े नियम आसान किए हैं। ऐसे में लोगों की आवाजाही भी बढ़ी है। हालांकि, भारत समेत ज्यादातर देशों में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या 72 घंटे पहले की RT-PCR रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है। ऐसे में फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर ऑनलाइन कमाई करने वाले एक्टिव हो गए हैं।
टेलीग्राम ऐप बना जरिया
फर्जी रिपोर्ट देने वाले टेलीग्राम ऐप को जरिया बना रहे हैं। चेक पॉइंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग वैक्सीनेशन नहीं लेना चाहते हैं, वे कहीं भी आने-जाने के लिए इस तरह की फर्जी रिपोर्ट खरीद रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2021 के बाद से अचानक इस तरह की वैक्सीनेशन और RT-PCR रिपोर्ट की मांग बढ़ी है। टेलीग्राम पर इस तरह के 5 हजार से ज्यादा ग्रुप एक्टिव हैं, जो फर्जी सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
हालांकि, टेलीग्राम ने कहा है कि कंपनी इस तरह के मामलों की जांच कर रही है।
क्रिप्टो करेंसी से हो रहे पेमेंट
फर्जी रिपोर्ट बेचने वाले पेमेंट को पेपल या क्रिप्टोकरेंसी में लेते हैं। क्रिप्टोकरेंसी में बिटकॉइन, डागकॉइन, लाइटकॉइन और अन्य करेंसी में पेमेंट किया जा सकता है। कुछ मामलों में गिफ्ट कार्ड या फिर ईबे के जरिए भी पेमेंट देखे जा रहे हैं। मार्च 2021 में डार्कनेट पर फर्जी कोरोना सर्टिफिकेट का प्रचार-प्रसार किया गया था। अब ज्यादा ग्राहक एक प्लेटफॉर्म पर मिलने की वजह से इस तरह की ब्लैक मार्केटिंग टेलीग्राम पर फोकस हो गई है।