कहीं आपकी हरी सब्जियां रंगी हुई तो नहीं, ऐसे लगाएं पता

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डॉ. सुधींद्र श्रृंगी
एमडी आयुर्वेद

कोटा।
एक स्वस्थ शरीर के लिए लोग ना जाने कितने ही जतन करते दिखाई देते हैं। समय पर खाना, सोना, नींद पूरी करना और एक्सरसाइज तक करनी पड़ती है। लेकिन कहा जाता है, ना कि स्वस्थ रहने के लिए एक सही आहार चुनना होता है। पर क्या आप जानते हैं कि बाजार में बेचे जानी वाली सामग्री में लोग मांग की पूर्ति करने के लिए बहुत खतरनाक पदार्थों को मिला देते हैं। खाद्य पदार्थों के अंदर आजकल मैलाकाइट ग्रीन, कॉपर सल्फेट, रोडामाइन बी, कैल्शियम कार्बाइड को मिलाया जाता है।

इन पदार्थों का खाद्य सामग्री में मिलाये जाने के बाद एक स्वस्थ जीवन जीना लगभग नामुमकिन है। इसी मिलावट की जांच हेतु और लोगों तक सही उत्पाद पहुंचे इसके लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने एक वीडियो शेयर की है। इस वीडियो में खाद्य सामग्री को जांचने का तरीका बताया गया है। इसके जरिए आप आसानी से जान सकते हैं कि आपके साग सब्जियों में मैलाकाइट हरे रंग की मिलावट की गई है या नहीं।

क्या है मैलाकाइट ग्रीन
आपको बता दें कि मैलाकाइट ग्रीन एक कार्बनिक यौगिक है। इसका उपयोग आमतौर पर रंगने के लिए और जलीय कृषि के अंदर एंटीमाइक्रोबियल के तौर पर किया जाता है। वहीं अगर रिपोर्ट की मानें तो इसे सबसे पहले 1877 में हरमन फिशर द्वारा सफ्यूरिक एसिड की उपस्थिति में आणविक अनुपात 1:2 में बेंजेल्डिहाइड और डाइमिलैनिलिन को संगठित करके तैयार किया गया था।

मैलाकाइट ग्रीन के उपयोग पर फूड रेगुलेशन
2006 में, यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने चीन से आए समुद्री भोजन की जांच की और इसमें मेलाकाइट ग्रीन का उपयोग पाया। इसके बाद ही जलीय कृषि के अंदर मेलाकाइट ग्रीन का उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया गया था।

भारत में मैलाकाइट का उपयोग
मैलाकाइट ग्रीन जो एक प्रसिद्ध कार्सिनोजेन है। इसका उपयोग भारत के अंदर इस्तेमाल की जाने वाली कई सब्जियों में किया जाता है, जैसे हरी मिर्च, खीरा, साग, पालक, मटर, भिंडी आदि। इसके इस्तेमाल से यह सब्जियां पूरी तरह हरी रहती है। लेकिन बता दें कि यह एक बहुत ही खतरनाक यौगिक है। ऐसे में FSSAI ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया है जिसके जरिए आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपके घर में मौजूद सब्जियों में मैलाकाइट ग्रीन का उपयोग किया गया है या नहीं।

रंगी हुई सब्जियों को जांचने का तरीका

कैसे पता करें रंगी हुई हैं सब्जियां

  • सबसे पहले थोड़ी सी रुई ले और इसे लिक्विड पैराफिन में डुबोएं।
  • इसके बाद इसे भिंडी के बाहरी हिस्से पर लगाएं और थोड़ा सा रगड़े।
  • अगर ऐसे में रुई पर किसी तरह का हरा रंग नहीं आया तो आपकी सब्जी खाने योग्य है।
  • लेकिन अगर रूई पर हरा रंग आ गया तो इसका अर्थ सीधा है कि सब्जी पर मेलाकाइट ग्रीन का उपयोग किया गया है।

मैलाकाइट ग्रीन के नुकसान
सब्जियों के अंदर उपयोग किया जाने वाला यह खतरनाक यौगिक कई समस्याएं खड़ी कर सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर आप इस तरह की मिलावट की सब्जी का उपयोग करते हैं, तो इससे आपके शरीर में कार्सिनोजेनेसिस, म्यूटेनेसिस, क्रोमोसोमल, फ्रेक्चर और यहां तक की रेस्पिरेटरी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।