मुकेश भाटिया, कमोडिटी एक्सपर्ट
कोटा। गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में धनिया की बोआई शुरु होने के साथ कोविड-19 के बढ़े प्रभाव का साफ असर दिखने लगा है जिससे इसके दाम नीचे आ रहे हैं। कोविड-19 की ताजा मार से जहां देश में अनेक जगह लॉकडाउन की नौबत आ रही है वहीं अनेक शहरों और राज्यों में कर्फ्यू लगाया गया है जिससे वैवाहिक एवं अन्य कार्यक्रमों की मांग कमजोर पड़ी है।’
सबसे पहले बात करते हैं धनिया बोआई की गुजरात कृषि विभाग के मुताबिक राज्य में 23 नवंबर 2020 तक रबी के तहतधनिया का रकबा पिछले साल की तुलना में जोरदार बढ़ा है। राज्य में अब तक 60693 हैक्टेयर में धनिया की बोआई हो चुकी है जबकि पिछले साल समान समय में यह बोआई 9623 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में धनिया की सामान्य बोआई 63 हजार हैक्टेयर रहती है।
गुजरात में फसल वर्ष 2019-20 में धनिया की कुल बोआई 88405 हैक्टेयर में हुई जो वर्ष 2018-19 में 29630 हैक्टेयर में थी। गुजरात में वर्ष 2018-19 सीजन के समय सूखा होने एवं पानी की कमी होने से बोआई काफी कम हुई थी।’
राजस्थान कृषि विभाग के मुताबिक राजस्थान में धनिया की बोआई 23 नवंबर2020तक 47400 हैक्टेयर में हो चुकी है। कोटा में धनिया की बोआई 3400 हैक्टेयर में हुई है। बारां में यह बोआई 8100 हैक्टेयर,झालावाड़ में 31200 हैक्टेयर,बूंदी में 600 हैक्टेयर,चित्तौडगढ़ में 3800 हैक्टेयर,प्रतापगढ़ में 100 हैक्टेयरऔर राजसमंद में 100 हैक्टेयर में हुई है।बीते रबी फसल सीजन में 22 नवंबर 2019 तक राज्य में धनिया की बोआई 54400 हैक्टेयर में हुई थी। राजस्थान में फसल वर्ष 2019-20 में धनिया की कुल बोआई 77900 हैक्टेयर में हुई थी जो वर्ष 2018-19 में 68784 हैक्टेयर थी।’
मध्य प्रदेश कृषि विभाग ने धनिया बोआई के आंकडे जारी नहीं किए हैं लेकिन किसानों का कहना है कि राज्य में धनिया की बोआई पिछले साल के समान ही रह सकती है क्योंकि कुछ इलाकों में बारिश कम होने से गेहूं का रकबा घट सकता है। लेकिन,धनिया से अधिक वरीयता चना,सरसों और लहसुन को दिया जा रहा है जिनमें रिटर्न बेहतर है। मध्य प्रदेश में धनिया की बोआई वर्ष 2019-20 में 272406 हैक्टेयर में हुई थी जो वर्ष 2018-19 में 279980 हैक्टेयर था।’
गुजरात,राजस्थान और मध्य प्रदेश में धनिया बोआई स्थिति का अंतिम आंकलन मध्य दिसंबर के आसपास होगा लेकिन वर्तमान मौसम धनिया फसल के बेहद अनुकूल है एवं यदि धनिया के पकने के समय मौसम में बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो धनिया की उपज बीते रबी सीजन से कम नहीं आएगी। हालांकि,धनिया के पक्ष में जो सबसे बड़ा कारक आ रहा है वह इसका अगले सीजन में ओपनिंग स्टॉक पांच साल के निचले स्तर पर पहुंचना होगा। अगले सीजन की शुरुआत में धनिया का स्टॉक 15-20 लाख बोरी (प्रति बोरी 40 किलोग्राम) रहने का अनुमान है।’
कोविड-19 का असर अब धनिया के कारोबार पर
कारोबारियों का कहना है कि कोविड-19 का असर अब धनिया बाजार पर साफ दिखने लगा हैं एवं इसकी मांग बेहद कमजोर पड़ी है जिससे भाव नीचे आ रहे हैं। लॉकडाउन में रियायत के बाद उम्मीद थी कि दिवाली बाद वैवाहिक सीजन अच्छा रहेगा एवं होटल-रेस्टोंरेंटस एवं स्ट्रीट फूड शुरु हो जाएंगे लेकिन कोरोना वायरस की ताजा लहर से जो हालात बने हैं उससे इस उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। देश के अनेक शहरों में रात्रिकालीन कर्फ्यू के साथ वैवाहिक कार्यक्रमों में बंदिशें लगना एवं कुछ जगह फिर से लॉकडाउन के बन रहे हालात से मांग ऊपर उठने की संभावना नजर नहीं आती।
धनिया वायदा 6000 रुपए प्रति क्विंटल
कारोबारियों का कहना है बोआई के साथ मांग घटने से कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स में धनिया वायदा आने वाले दिनों में 6000 रुपए प्रति क्विंटल एवं गुजरात में धनिया ईगल पोर्ट पर 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक आने के आसार हैं। गुजरात में धनिया ईगल पोर्ट पर इन दिनों 6300 रुपए प्रति क्विंटल ऑफर हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से इस साल धनिया की कुल खपत 120-125 लाख बोरी में 25-30 लाख बोरी तक की कमी आई है।