नई दिल्ली। Play store (प्ले स्टोर) में फर्जी एंड्रॉयड एप्स की एंट्री को रोकने के लिए सर्च इंजन गूगल (Google) लगातार अपनी सुरक्षा बढ़ा रहा है। गूगल ने इन फर्जी एप्स का पता लगाने के लिए दिग्गज सुरक्षा फर्मों के साथ गठजोड़ भी किया है। इसी कड़ी में व्हाइट ऑप्स सटोरि थ्रेट इंटेलिजेंस एंड रिसर्च टीम ने 65,000 फोन पर TERRACOTTA विज्ञापन धोखाधड़ी संचालन करने के मामले में 5,000 फर्जी एप्स की खोज की।
एप्स को इंस्टॉल करने के लिए ये सभी ग्राहकों को फ्री सब्सक्रिप्शन, प्रोडक्ट्स पर डिस्काउंट, कॉन्सर्ट टिकट और अन्य फ्री गिफ्ट देने की पेशकश करते हैं, जो गैरकानूनी गतिविधियां हैं। इसके अलावा ये एप्स कभी भी अपने किए हुए वादों को पूरा नहीं करते हैं।
फोन के सिक्योरिटी सिस्टम से कैसे बचते हैं एप्स
यूजर्स जैसे ही इन फर्जी एप्स को इंस्टॉल करते हैं, ये सबसे पहले अपने APK कोड को मॉडिफाइड कर देते हैं। इसके कारण ये एप्स स्मार्टफोन के सिक्योरिटी सिस्टम से बच जाते हैं। इसके बाद यूजर्स के स्क्रीन पर विज्ञापनों की भरमार लग जाती है।
विज्ञापन के जरिए इन फर्जी एप्स की कमाई का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि अकेले जून 2020 में, इन एप्स ने यूजर्स के व्यू इंप्रेशन से पैसा कमाने के लिए 200 करोड़ विज्ञापन पोस्ट कर डाले। इन एप्स की तरफ से की जा रही धोखाधड़ी में ग्राहकों और विज्ञापनदाताओं दोनों को बेवकूफ बनाया जा रहा है।
इस तरह पकड़ में आए फर्जी एप्स
व्हाइट ऑप्स टीम ने TERRACOTTA मालवेयर कोड और इसकी छिपी कार्यक्षमता का एप्स के रिसोर्स डायरेक्टरी के भीतर index.android.bundle नाम की फाइल में पता लगाया। टीम की तरफ से यह जानकारी गूगल को दी गई, जिसके बाद इन 5000 एप्स को तुरंत प्ले स्टोर पर से हटा दिया गया। माना जा रहा है कि गूगल इन जैसे कई एप्स के खिलाफ अपने पॉलिसी को और भी सख्त करेगा। इसके अलावा कंपनी एप्स के रिव्यू की रफ्तार को भी बढ़ाएगी, जिससे प्ले स्टोर पर इन एप्स की छटनी की जा सके।