मोबाइल ने अस्वस्थता व रोगों को निमन्त्रण दिया है: डॉ मोनिका दुबे

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कोटा। ओम कोठारी संस्थान एवं आईएसटीडी कोटा चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आईएसटीडी कोटा चैप्टर के स्वर्ण जयन्ती वर्ष समारोह की श्रृंखला के तहत होलिस्टिक लिविंग विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के व्याख्याता एवं आई एसटीडी कोटा चैप्टर के ऐक्जीक्यूटिव मेम्बर्स डाॅ मोनिका दुबे एवं डाॅ संदीप शारदा थे।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता डाॅ मोनिका दुबे ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए होलिस्टिक लिविंग के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने होलिस्टिक लिविंग के लिए 3 H जीवनशैली अपनाने को कहा। होलिस्टिक लिविंग का सही अर्थ हेल्दी, हेप्पी एवं हारमनी है।

डाॅ मोनिका ने कहा जीवन को नई ऊंचाइयों तक पहुचाने के लिए स्वस्थ होना जरूरी है। आज के युग में मोबाइल ने हमारी जीवनशैली में बदलाव कर अस्वस्थता व रोगों को निमन्त्रण दिया है। अधिक समय एवं गलत तरीको से मोबाइल का प्रयोग विभिन्न रोगों को जन्म देता है। उन्होंने बताया मोबाइल से निकलने वाली घातक किरणे कैंसर जैसी अनेक भयावह बीमारियों को जन्म देती है। उन्होंने विद्यार्थियों को मोबाइल के कम से कम उपयोग की सलाह दी ।

इसके पश्चात डाॅ. संदीप शारदा ने विद्यार्थियों को होलिस्टिक लिविंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। होलिस्टिक लिविंग का सही अर्थ सफल जीवन है। जीवन में सफलता प्राप्त करने एवं सपनो को यथार्थ में परिवर्तित करने के लिए विद्यार्थियों में ऐम्प्लाॅयबिलिटी स्किल्स की अभिवृद्धि जरुरी है।

उन्होंने कहा कि कम्यूनिकेशन स्किल्स व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में सहज बनाकर सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने विद्यार्थियों को कम्यूनिकेशन स्किल्स एवं साॅफ्ट स्किल्स के विभिन्न गुर भी सिखाये। कार्यक्रम का संचालन ओम कोठारी संस्थान के व्याख्याता प्रतीक गुप्ता ने किया। कार्यक्रम के दौरान आईएसटीडी कोटा चैप्टर की चेयरपर्सन अनिता चौहान, सेक्रेटरी डॉ.अमित सिंह राठौड भी मौजूद थे।